[ad_1]

रामपुर व पहाड़गढ़ में जलस्तर 4 मीटर नीचे पहुंच गया है। मुरैना व अंबाह-पोरसा के हैंडपंपों का पानी नीचे उतर जाने से गांवों में पीने के पानी की संकट गहरा रहा है। लोग दूर-दराज से पानी भरकर लाने को मजबूर हैं। जलसंकट इसलिए भी भारी पड़ रहा है, क्योंकि
.
जिले के रामपुर क्षेत्र में नदी, नाले, डैम व नहर न होने से गर्मी बढ़ते ही जलस्तर 48 मीटर से नीचे खिसककर 52 मीटर तक जा पहुंचा है। चार मीटर जलस्तर गिरने से हैंडपंपों ने पानी छोड़ दिया है। कस्बा के लोग पीने का पानी भरने के लिए किसी बोर से जुड़े नल पर पहुंच रहे हैं। भीड़ अधिक हो जाने के कारण लोगों को कतार बनाकर पानी भरना पड़ रहा है।
तापमान 44 डिग्री के पार होने के कारण लोगों को पाने का पानी भी एक सप्ताह से ज्यादा लग रहा है। पहाड़गढ़ की बात करें तो वहां के गांवों में जलस्तर 45 मीटर से उतरकर 49 मीटर तक जा पहुंचा है। चार मीटर जलस्तर गिरने से लोगों को सरकारी हैंडपंपों से पानी मिलना कठिन हो गया है। पहाड़गढ़ ब्लॉक की 24 से अधिक ग्राम पंचायतों में पानी की किल्लत के कारण कमजोर वर्ग के लोग परेशान हैं, क्योंकि उनको सरकारी हैंडपंप से पानी भी रसूखदार लोगों की महर से मिल पाता है।
जलसंकट से निपटने ये उपाय कर रहा पीएचई
जलस्तर गिरने के कारण जिलेभर में 2000 से अधिक हैंडपंप पानी देना छोड़ गए। इसमें से हैंडपंपों में 2308 मीटर लंबाई के 768 राइजर पाइप बढ़ाकर पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की है। जहां पाइप बढ़ाने के बाद भी पानी नहीं मिल पा रहा है, ऐसे हैंडपंपों में सिंगल फेस की मोटर डालने की तैयारी कर ली गई है। 50 मोटर जिला मुख्यालय पर पीएचई के स्टोर में आ चुकी हैं और 150 और आना बाकी हैं।
मई में 40 और जून में 50 नल-जल योजनाएं होंगी चालू
दूसरे चरण की निर्माणाधीन नल-जल योजनाओं में से मई में 40 और जून में 50 योजनाओं को कंपलीट कराकर चालू कराने का दावा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने किया है। 90 नल-जल योजनाओं के चालू होने से गांव के लोगों को नलों के माध्यम से घरों तक पानी प्रदाय किया जा सकेगा।
मुरैना-जौरा में 47 मीटर गहराई में मिल रहा पानी
मुरैना से लेकर जौरा में हैंडपंप या बोर खनन कराया जाए जो पानी 47 मीटर के बाद ही मिल रहा है। तीन महीने पहले तक पानी की उपलब्धता 45 मीटर पर थी। मुरैना व जौरा में जलस्तर कम गिरने से जुड़ा कारण है कि यहां नदी व नहर होने के कारण उनसे जलस्तर तेजी से नहीं गिरता है। अंबाह-पोरसा में फरवरी में जलस्तर 38 मीटर पर था, जो मई में 40 से 41 मीटर पर पहुंच गया है। इस इलाके में जलस्तर गिरने की वजह रबी सीजन में सिंचाई के लिए ट्यूबवेल से पानी देना है।
मोटर डालने का काम शुरू कराया गया है
गर्मी के कारण जलस्तर चार से पांच मीटर तक गिरा है। 384 हैंडपंपों से पानी मिलता रहे, उसके लिए राइजर पाइप बढ़ाने व सिंगलफेस मोटर डालने का काम शुरू कराया है।
– संतोषीलाल बाथम, कार्यपालनयंत्री पीएचई संभाग मुरैना
[ad_2]
Source link



