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मौसम में आए बदलाव के बाद पानी की समस्या दिन पर दिन गहराती जा रही है। माधव नगर के वासियों की लंबे समय से चली आ रही गंदे पानी की समस्या का निराकरण नगर निगम प्रशासन करने में अक्षम साबित हो रहा है। वहीं मोतीझील प्लांट से शिंदे की छावनी और खल्लासीपुरा में
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उनका कहना है कि कहीं क्लोरीन की मात्रा तो नहीं बढ़ा दी गई। इधर शहर में खराब बोरिंग की मशीनों को बदलने में 24 घंटे का दावा करने वाले नगर निगम के अधिकारियों की सच्चाई सामने आ रही है। बोरिंग को ठीक करने में 10-15 दिन का वक्त लग रहा है। वह भी तब ठीक हो रही हैं, जब लोग शिकायत सीधे नगर निगम आयुक्त हर्ष सिंह से कर रहे हैं। नगर निगम के पीएचई विभाग के अफसर बोरिंग कराने में हो रही लेटलतीफी पर ठेकेदार पर ठोस एक्शन लेने से बच रहे हैं। वहीं शहर की जनता परेशान हो रही है।
देखिए.. शहर में कहां पर क्या है समस्या
{माधव नगर: यहां रहने वाले पीसी जैन ने बताया कि पिछले तीन महीने से गंदा पानी आ रहा है। पार्षद से लेकर आयुक्त तक को शिकायत कर चुका है। लेकिन समस्या का निराकरण नहीं हो रहा है। अब सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करना पड़ रही है। इसी वार्ड में रहने वाली 80 साल की बुजुर्ग महिला पदमा शर्मा ने भी गंदा पानी आने की शिकायत की है। उनके यहां भी समस्या हल नहीं हुई। {पटिया वाला मोहल्ला: वार्ड-65 में रहने वालों ने शिकायत की है कि 15 दिन से पानी की मोटर खराब है। पंप चालक ठीक से जवाब नहीं दे रहे हैं। {यमुना नगर पार्क: यहां रहने वाले दीपू सिकरवार ने शिकायत की है कि 10 दिन से मोटर खराब पड़ी है। क्षेत्र में पानी की किल्लत है। सिकरवार ने बताया कि आयुक्त से शिकायत करने के बाद आज छोटी मोटर डाली गई है। उससे घरों में पानी नहीं पहुंच पा रहा है। { टैंकरों से पहुंचा पानी: वार्ड-35 में भी पानी की विकराल समस्या बनी है। यहां नलकूप खराब होने के कारण क्षेत्रवासियों को पानी नहीं मिल रहा है। निगम ने शनिवार को पानी का टैंकर क्षेत्र में पहुंचाया। वैसे ही टैंकर पर स्थानीय लोग बर्तन लेकर पहुंचे। थोड़ी देर में ही टैंकर खाली हो गया।
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