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इंदौर नगर निगम ने रिमूवल अमले के लिए सेना के कमांडो जैसी वर्दी वाला ड्रेस कोड लागू किया है। रिमूवल अमला फील्ड में अतिक्रमण हटाने का काम करता है, इस दौरान विवाद की स्थिति निर्मित होती है। निगम कर्मचारी सामान्य ड्रेस में होते हैं तो कुछ नागरिक हाथापाई,
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ड्रेस को लागू होने से ऐसी स्थिति से बचा जा सकेगा। निगम कर्मचारी भी अभद्रता नहीं कर सकेंगे। वहीं इंदौर नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा का कहना है कि यातायात सुधार, अतिक्रमण साहित अन्य कार्रवाई के दौरान विवाद होते हैं। ड्रेस कोड होने से इससे बचा जा सकेगा।
नगर निगम के प्रयोग ने विवाद खड़ा कर दिया है। निगमायुक्त शिवम वर्मा ने निगम की रिमूवल गैंग को विवादों से बचाने के लिए आर्मी की वर्दी पहनने का ड्रेस कोड लागू कर दिया। लेकिन आर्मी एक्ट के तहत यह अपराध है। यह काम्बेट यूनिफार्म कहलाती है, जिसका तीसरे व्यक्ति द्वारा पहनना अपराध माना जाता है।
पुलिस की खाकी वर्दी हो या आर्मी की, कोई भी तीसरा व्यक्ति इसे नहीं पहन सकता है। इस तरह की वर्दी क्विक रिस्पांस टीम और पैरामिलिट्री वाले भी पहनते हैं। एक्ट के तहत उन्हें मंजूरी है। लेकिन यह और पुलिस की वर्दी किसी भी अन्य के द्वारा पहनने पर एक्ट के तहत ही रोक लगी हुई है।
इससे पहले ग्वालियर निगम द्वारा रिमूवल अमले को चार साल पहले आर्मी की तरह दिखने वाली डांगरी को वर्दी के रूप में अपनाया गया था।
कोविड में पुलिस के पहनने पर सेना ने ली थी आपत्ति
कोविड के समय इंदौर में पुलिस अधिकारियों ने इसी तरह की आर्मी वर्दी पहनना शुरु किया था। लेकिन दस दिन में आर्मी ने इस पर आपत्ति ले ली और पीएचक्यू को पत्र लिख दिया। इस आपत्ति के बाद पुलिस ने तत्काल इसके पहनने से रोक लगा दी। आर्मी के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि आर्मी की तरफ से लोगों को आर्मी वर्दी जैसे कपड़े न पहने का ऑर्डर नहीं निकाला गया है, क्योंकि आर्मी सिर्फ अपनी फोर्स के लिए ही ऑर्डर निकाल सकती है। कई बार अपील जरुर की गई है। बाकी नियम है।

निगमकर्मियों के सेना जैसी ड्रेस पहनने पर शहर के सोशल मीडिया ग्रुप्स पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
कांग्रेस बोली- जनता को डराने के लिए किया यह प्रयोग
कांग्रेस के संभागीय प्रवक्ता विवेक खंडेलवाल ने आरोप लगाया कि सेना की वर्दी देश की जनता में सुरक्षा का भाव देती है। आपने ये वर्दी का उपयोग जनता में डर पैदा करने के लिए किया है। आप उस वर्दी का डर दिखाना चाहते हैं जो निंदनीय है। कृपया संज्ञान लें। अपने निर्णय पर पुनः विचार करें।
धारा-140 और 171 के तहत दर्ज किया जा सकता है केस
गृह मंत्रालय ने इस संबंध में सभी राज्यों के सेक्रेटरी को निर्देश दिए हैं कि जो लोग भी अनाधिकृत तरीके से आई फोर्स (आर्मी, नेवी, एयरफोर्स) की वर्दी या उसके जैसी दिखने वाली यूनिफॉर्म पहनते हैं, उन्हें आईपीसी की धारा-140 और 171 के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है।

500 रुपए का जुर्माना हो सकता है, तीन माह की सजा
आईपीसी की धारा-140 के मुताबिक, अगर कोई यह दिखाने के लिए कि वह आई फोर्सेस का हिस्सा है और आर्मी, नेवी या एयरफोर्स की तरह दिखने वाले कपड़े पहनता है या प्रतीक चिन्ह का इस्तेमाल करता है तो उसे अधिकतम तीन महीने तक की जेल और 500 रुपए का जुर्माना हो सकता है।
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