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जयंत अपनेे माता व पिता के साथ।
– फोटो : अमर उजाला
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इंदौर के श्रमिक क्षेत्र की बस्ती में रहने वाले एक छात्र ने दसवीं की जिला स्तरीय प्रावीण्य सूची में दूसरा स्थान पाया,लेकिन परिवार को दो दिन तक पता ही नहीं चला। जब क्षेत्र के विधायक रमेश मेंदोला ने सोशल मीडिया पर उसकी पोस्ट डाली तो बस्ती वालों ने मोर्य परिवार को खबर की।
गौरी नगर बस्ती मेें रहने वाले जयंत मोर्य स्वामी विवेकानंद हायर सेंकडरी स्कूल में पढ़ते है। पिता राजेश बस्ती के चौक पर रोज मजदूरी केे लिए खड़े रहते है। महीने भर में दस से बारह हजार रुपये कमा पाते है। दिहाड़ी के उन्हें रोज 400 से 600 रुपये मिलते है। मजदूरी नहीं मिलने पर कई बार खाली हाथ रहना पड़ता है, लेकिन उन्होंने बेटे की पढ़ाई में कोई कसर बाकी नहीं रखी।
मां चेतना भी घर खर्च चलाने के लिए ब्लाऊज सिलने का काम करती है। जयंत बचपन से ही पढ़ने में अच्छा है, इसलिए पिता ने बस्ती केे ही एक निजी स्कूल में दाखिला करवा दिया था। प्राचार्य विशाल गुप्ता कहते है कि अभाव के बीच रहकर भी एक मेघावी छात्र तैयार हो सकता है, यह जयंत ने साबित कर दिया। घर और स्कूल की पढ़ाई के साथ उसने प्रावीण्य सूची में दूसरा स्थान बनाया।
आईएएस बनना चाहता है जयंत
जयंत ने कहा कि उसका सपना है कि वह आईएएस बने। अभी विज्ञान संकाय से वह 12 वीं करेगा। उसके बाद प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के साथ ग्रेज्युएशन करेगा। जयंत ने कहा कि आईएएस बनकर वह अपने माता-पिता को सच्ची खुशी देना चाहता है। पिता मुझे पढ़ाने के लिए गांव छोड़कर इंदौर में बस गए। प्रावीण्य सूची में आने से मुझसे ज्यादा खुशी दोनों को हुई है।
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