Home मध्यप्रदेश इंदौर के हरिधाम पर हनुमत कथा का हुआ समापन:हनुमानजी जैसा भक्त दुनिया...

इंदौर के हरिधाम पर हनुमत कथा का हुआ समापन:हनुमानजी जैसा भक्त दुनिया में कहीं नहीं मिल सकता – रश्मिदेवी शास्त्री

11
0

[ad_1]


मान और सम्मान उन्हीं का होता है, जो त्याग करते हैं। हनुमान इसके प्रत्यक्ष उदाहरण हैं, जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन अपने प्रभु श्रीराम को समर्पित कर दिया। भगवान राम जैसा आदर्श चरित्र दुनिया में कहीं नहीं मिल सकता। उसी तरह हनुमानजी जैसा भक्त भी विश्व में कहीं नहीं मिलेगा। रामचरित मानस में हनुमानजी का प्रवेश होते ही प्रत्येक प्रसंग प्रेम, वात्सल्य, करूणा और स्नेह की रसधारा से भरपूर नजर आता है। कलयुग में राम नाम के साथ हनुमान की भक्ति को सर्वोपरि माना गया है। झांसी से आई मानस कोकिला रश्मिदेवी शास्त्री ने केट रोड, हवा बंगला स्थित हरिधाम आश्रम पर पीठाधीश्वर महंत शुकदेवदास महाराज के सान्निध्य में चल रही हनुमत कथा के समापन दिवस पर उक्त विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि हनुमानजी भक्त भी हैं और भगवान भी। वे ऐसे भक्त हैं, जो समाज और संस्कृति के साथ अपने आराध्य के लिए स्वयं को पूरी तरह समर्पित कर देते हैं। उनका चरित्र उस आभायुक्त दीपक की तरह है, जो स्वयं जलकर दूसरों के जीवन में धन्यता और दिव्यता का प्रकाश फैलाता है। उन्होंने प्रभु भक्ति को ही सर्वोपरि माना और यही उनके चरित्र की आधारशीला है। हनुमानजी जैसे आदर्श चरित्र और कहीं नहीं मिल सकता। उन्होंने अपनी प्रत्येक भूमिका का निर्वाह पूरी लगन, निष्ठा, सूझबूझ और धैर्य के साथ किया है। कलयुग में आज भी यह मान्यता है जहां कहीं भगवत कथा होती है, वहां हनुमानजी अवश्य उपस्थित रहते हैं। कथा शुभारंभ के पूर्व महिला मंडल की ओर से निर्मला बैस, कांता खंडेलवाल, ललिता परमार, मीना गौतम, समाजसेवी बालकिशन छावछरिया (बल्लू भैया), सीताराम नरेड़ी, डॉ. सुरेश चौपड़ा, मुकेश बृजवासी, सुधीर अग्रवाल आदि ने व्यासपीठ का पूजन किया। बड़ी संख्या में भक्तों ने आरती में भाग लिया। कथा के समापन पर महिला मंडल की ओर से रश्मिदेवी का मालवा की पगड़ी पहनाकर सम्मान भी किया गया।

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here