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इंदौर3 मिनट पहले
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कलयुग में भक्ति को सर्वोपरि कहा गया है और भक्तों में सबसे शीर्ष क्रम पर हमारे हनुमानजी का नाम शामिल है। हिमालय से निकली गंगा में स्नान करने से तन तो सुंदर बन सकता है, लेकिन मन की सुंदरता के लिए राम कथा रूपी गंगा की जरूरत है। स्वर्ग का अमृत हमें मरने के बाद ही मिल सकता है, लेकिन रामकथा रूपी अमृत तो जीते जी ही मिल जाएगा। जीवन की व्यथा को दूर करने की कथा का नाम है रामकथा और रामकथा के केंद्र में सबसे महत्वपूर्ण चरित्र यदि कोई है तो वह है हनुमानजी। रामजी की सेवा कर उन्होंने समुद्र और पहाड़ तो ठीक अनेक झंझावत भी पलक झपकते ही पार किए हैं। ऐसे हनुमानजी के चरित्र की कथा का श्रवण भारत भूमि में बैठकर करना सचमुच सौभाग्य की बात है। यह बात शुक्रवार को कैट रोड हवा बंगला स्थित हरिधाम आश्रम पर पीठाधीश्वर महंत शुकदेवदास महाराज के सानिध्य में पांच दिवसीय हनुमत कथा के शुभारंभ सत्र में झांसी से आई मानस कोकिला रश्मिदेवी ने कहीं।

रामकथा में झांसी की मानस कोकिला रश्मिदेवी हनुमान कथा सुनाते हुए।
मानस कोकिला ने कहा कि कलयुग में व्यक्ति एक रूपए की अगरबत्ती
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