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रामेंद्र परिहार।ग्वालियर17 मिनट पहले
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अचानक ब्लास्ट की आवाज सुनकर बाहर आए। रूह कंपा देने वाला नजारा था। दूर-दूर तक कपड़े और मांस के चीथड़े उड़ रहे थे। लपटों से घिरे तीन बच्चे और दंपती जान बचाने के लिए सड़क पर भाग रहे थे। बच्चों के शरीर सुलग रहे थे। शरीर पर कपड़े तक नहीं थे। सिलेंडर फटने से कपड़ों के चीथड़े हवा में दो मंजिल ऊंचाई तक उछले थे। तुरंत एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड को सूचना दी। उनके शरीर पर पानी डाला।’
यह बताते हुए प्रियंका शर्मा और कुसुमा सिंह सिहर जाती हैं।
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