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अशोकनगर5 मिनट पहले
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माता जानकी से मांगी गई मन्नत पूरी होने पर करीला धाम में बधाई राई नृत्य कराई जाती है। कहा जाता है कि जिस समय लव कुश का जन्म हुआ था उस समय स्वर्ग की अप्सराओं ने महर्षि वाल्मीकि के आंगन में आकर नृत्य किया था। उसी परंपरा के अनुसार मन्नतें पूरी होने पर राई नृत्य होता है लेकिन देखते ही देखते राई नृत्य का स्वरूप बदल गया है।
मसालों के बीच शुरू हुई थी राई नृत्य की परंपरा
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