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यज्ञदत्त परसाई/धार7 मिनट पहलेलेखक: यज्ञदत्त परसाई
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1902 की पुरानी तस्वीर दिखाते हुए शहर काजी ने कहा, भोजशाला के बीच ये कुंड नहीं, वजूखाना है। बाद में इस जगह छेड़छाड़ की गई।
मध्य प्रदेश के धार की भोजशाला फिर सुर्खियों में आ गई है। कैम्पस मंदिर है या मसजिद, यह पता करने के लिए हाईकोर्ट के आदेश पर सर्वे हो रहा है। इससे मुस्लिम समाज के लोग संतुष्ट नहीं हैं। इस कारण पहले दिन शुक्रवार को सर्वे में शामिल नहीं हुए। तर्क है कि जब 1902 साल पहले सर्वे हो चुका है, जिसमें मसजिद माना गया था तो अब यह नया सर्वे और यह विवाद क्यों?
दैनिक भास्कर ने धार शहर काजी वकार सादिक से हर पहलू पर बात की। उन्होंने बेबाकी से जवाब दिए। उन्होंने हिंदू पक्ष की तस्वीरों का जवाब पुराने रिकॉर्ड और तस्वीरों से देते हुए मसजिद होने का दावा किया है। यह भी कहा कि जब बात इतनी आगे बढ़ गई है तो हम यहां हर शुक्रवार नहीं, अब हर रोज पांचों टाइम की नमाज की अनुमति चाहते हैं।
तो पढ़िए शहर काजी वकार सादिक से सीधी बातचीत और उनके दावों की
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