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इंदौर7 मिनट पहले
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स्वतंत्रता के बाद देश के संविधान में हिंदी भाषा को राजभाषा का दर्जा दिया गया। इसके प्रयोग के लिए भारत सरकार ने राजभाषा अधिनियम, नियम बनाए, जिससे भारत सरकार के कार्यालयों, उपक्रमों, राष्ट्रीयकृत बैंकों में हिंदी में कामकाज किया जाए। अतः संवैधानिक उत्तरदायित्व का निर्वाह करना, कर्मचारियों का कर्तव्य हो जाता है। उपर्युक्त वक्तव्य सेवानिवृत्त राजभाषा अधिकारी हरेराम वाजपेयी ने पावरग्रिड कार्पोरेशन के इंदौर कार्यालय में आयोजित हिंदी कार्यशाला में दिया। उन्होंने कहा कि हिन्दी में कामकाज करना देश की सच्ची सेवा है। हमें स्वतंत्र हुए 76 वर्ष से अधिक हो गए है। अब अंग्रेजी का प्रयोग बहुत जरुरी होने पर ही किया जाना चाहिए। उन्होंने चीन, जापान, जर्मनी, कोरिया, अरब देशों के उदाहरण दिए, जहां उन देशों में उनके देश की भाषा में कार्य किया जाता है।

कार्यशाला को संबोधित करते हरेराम वाजपेयी।
संस्था द्वारा हिंदी में किए जा रहे कार्यों का विवरण देते
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