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हरेराम वाजपेयी.इंदौर1 मिनट पहले
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श्री मध्यभारत हिंदी साहित्य समिति, इंदौर एवं हिन्दी परिवार, इंदौर के मासिक साझा आयोजन ‘श्रोता संवाद’ में शनिवार को डॉ. नीरज दीक्षित के काव्य संग्रह “कवि मन” पर चर्चा की गई। इस चर्चा में वाणी जोशी ने कहा कि कृति की 101 रचनाएं सभी सार्थक विचारों के साथ जीवन की पाठशाला सी लगती है। इनमें सभ्यता, संस्कृति और नैतिक मूल्यों के साथ मानव जीवन के तमाम पहलुओं से जुड़े विषयों का समावेश किया गया है। कृतिकार डॉ. नीरज दीक्षित ने कहा कि ये रचनाएं मन में उपजे मौलिक विचारों की प्रस्तुति है। उन्होंने इस अवसर पर अपनी रचना ‘चूल्हे की रोटी’ का पाठ भी किया। इस अवसर पर सम्पन्न हुए रचना पाठ में सदाशिव कौतुक ने होली उत्सव से संदर्भित हास्य व्यंग्य की रचना सुनाई। ओम उपाध्याय ने बाल, बाला और बाल साहित्य पर व्यंग्य सुनाया तथा भीमसिंह पंवार ने होली पर एक मधुर गीत प्रस्तुत किया। डॉ. दीप्ति गुप्ता की गजल ‘मैं गजल हो गई’ तथा विश्वनाथ शिरढोणकर की दो समसामयिक रचनाएं सराही गई।
आयोजन में डॉ. बूला कार ने रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद
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