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शहडोल लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
लोकसभा चुनावों के लिए उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। मार्च माह के दूसरे सप्ताह तक चुनाव आचार संहिता लागू होने के कयास लग रहे हैं। केंद्र मे सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के प्रमुख दल भाजपा ने 195 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। मध्य प्रदेश की 29 सीटों में से 24 पर पार्टी अपने प्रत्याशी घोषित कर चुकी हैं। शहडोल संसदीय क्षेत्र से वर्तमान सांसद हिमाद्री सिंह पर एक बार फिर पार्टी ने भरोसा जताया है और उन्हें चुनावी रण में उतारा है। दूसरी ओर कांग्रेस के प्रत्याशियों की सूची 10 मार्च तक आने की बात कही जा रहीं है। कांग्रेस पुष्पराजगढ़ सीट से विधायक फूंदेलाल को उतार सकती है। वह तीसरी बार के विधायक होने के साथ ही क्षेत्र के दमदार नेता हैं। उनके अलावा पूर्व ब्यूरोक्रेट रमेश सिंह का नाम भी चर्चा में है।
चार जिलों की आठ विधानसभा सीटें हैं शामिल
शहडोल संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत चार जिलों की आठ विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें शहडोल की जैतपुर व जयसिंहनगर सीट, अनूपपुर जिले की अनूपपुर, कोतमा व पुष्पराजगढ़ तथा उमरिया जिले के मानपुर और बांधवगढ़ विधानसभा सीटें शामिल हैं। कटनी जिले की बड़वारा विधानसभा का क्षेत्र भी शहडोल संसदीय क्षेत्र में आता है। शहडोल जिले की ब्योहारी विधानसभा सीट शहडोल में न होकर सीधी संसदीय सीट में आती है।
वर्तमान सीट के क्या है समीकारण
शहडोल संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली चार जिलों के इन आठ विधानसभा क्षेत्रों पर नजर डाले तो मात्र अनूपपुर जिले की पुष्पराजगढ़ ही कांग्रेस के खाते मे है। शेष सभी सीटें दिसंबर 2023 के चुनावों में भाजपा के खाते में गई थी। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है भाजपा उम्मीदवार हिमाद्रि सिंह का दावा सीट पर मजबूत है। उन्हें हराने के लिए कांग्रेस को करिश्माई प्रत्याशी की तलाश है।
भाजपा उम्मीदवार का कांग्रेस से रहा है गहरा नाता
भाजपा सांसद हिमाद्रि सिंह भले ही इस समय भाजपा में है, लेकिन उनके परिवार की पृष्ठभूमि कांग्रेस से जुड़ी रही है। उनके पिता स्व दलबीर सिंह कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे हैं। वह कांग्रेस शासनकाल में केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं। भाजपा सांसद हिमाद्रि सिंह की माता राजेश नंदिनी सिंह भी शहडोल संसदीय सीट से सांसद रह चुकी हैं। उनके निधन के बाद ही यह सीट भाजपा की झोली मे चली गई थी। कुछ समय बाद कांग्रेस के इस धाकड़ नेता की पुत्री हिमाद्रि ने भाजपा का दामन थाम लिया और भाजपा के टिकट पर जीत दर्ज कर पहले बार 2019 मे लोकसभा में कदम रखा।
आदिवासी वोटर है निर्णायक
प्रदेश की शहडोल संसदीय क्षेत्र मुख्य रूप से आदिवासी बहुल है। आदिवासी मतदाता किसी भी प्रत्याशी की जीत-हार तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अभी कुछ माह पहले ही विधानसभा चुनाव हुए हैं और आदिवासी वोटरों ने जिस तरह भाजपा पर भरोसा जताया है, उससे भाजपा की स्थिति मजबूत मानी जा रही है। शहडोल जिले की तीनो विधानसभा सीटों पर भाजपा को आसान जीत मिली थी। लोकसभा चुनाव के नतीजे कांग्रेस प्रत्याशी के नाम पर निर्भर करेंगे। साफ है कि आदिवासी वोटर जिधर जाएंगे, उसे आसान जीत मिलेगी।
मतदाताओं का गणित
शहडोल संसदीय क्षेत्र में इस समय 17.12 लाख मतदाता है। इनमें 8,72,872 पुरुष वोटर, 8,39,738 महिला वोटर और 30 थर्ड जेंडर वोटर शामिल हैं। 2019 में भाजपा की हिमाद्री सिंह को कांग्रेस की प्रमिला सिंह ने चुनौती दी थी। हालांकि, मोदी लहर पर सवार हिमाद्री सिंह ने करीब 4.03 लाख से अधिक मतों से जीत दर्ज की थी।
(शहडोल से सादिक खान की रिपोर्ट)
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