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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गौशाला बेहतर प्रबंधन कार्यशाला को संबोधित किया
– फोटो : अमर उजाला
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मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने कहा कि जिसके घर में गाय है वो गोपाल, जिसके घर में गाय नहीं है, वो भू-पाल (पृथ्वी पर वजन) है। सीएम ने कहा कि भारत के अंदर गौशाला बनाना और गौशाला चलाना पवित्र काम है, लेकिन पहला प्रयास होना चाहिए कि लोग गौशाला के बजाय घर-घर में गाय को पाले। उन्होंने कहा कि गौ संवर्धन बोर्ड बनाने से काम नहीं चलेगा। अलग-अलग विभागों को एक साथ जोड़कर मंत्रिमंडलीय समिति बनाएंगे, जिसे अगली कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। बैठक में राजस्व मंत्री, धर्मस्व मंत्री, संस्कृति मंत्री, पर्यटन मंत्री, पशुपालन मंत्री, नगरीय निकाय और ग्राम पंचायत के मंत्री रहेंगे। ये सभी विभाग मिलकर समग्र विचार करेंगे।
सीएम ने कहा कि बड़े-बड़े मंदिर हैं लेकिन वहां गौशाला नहीं है। हमने पिछली बैठक में निर्णय किया है कि सभी देव-स्थानों का विकास करेंगे। मंदिरों के लिए भी मंत्रिमंडलीय समिति बनाने की बात कही है, इसके लिए भी समग्र रूप से विचार करना है। गांव के मंदिरों के लिए ग्रामीण विकास विभाग और शहर के मंदिरों का शहरी विकास विभाग चिंता करेंगे। नदी के किनारे मंदिर है तो जल संसाधन विभाग चिंता करेंगे। किसान सिर्फ कृषि आय पर निर्भर नहीं रहे, रोजमर्रा के लिए पशुपालन का व्यवसाय उसके पास होना चाहिए
गौशाला अपने पैरों पर खड़ी होनी चाहिए
सीएम ने कहा कि दूध का उत्पादन बढ़ाया जाए और उसके उपयोग को लेकर सरकार क्या प्रोत्साहन दे सकती है? इस पर भी काम कर रहे हैं। गौशाला की आय के साथ, गौशाला अपने पैरों पर खड़ी होनी चाहिए। गौ माता और नंदी सड़कों पर बैठते हैं, उन्हें सुखी जगह में बैठने की आदत होती है। सड़कों पर इसलिए बैठती हैं क्योंकि वो सूखी जगह होती है और जब गाड़ियां चलती हैं तो वो पंखे का काम करती हैं। ये संवेदना समझने की जरूरत है।
अगली बरसात तक सड़कों पर गौवंश को नहीं रहने दें
सीएम ने कहा कि हमने तय किया है कि अगली बरसात तक किसी भी हालत में सड़कों पर गौवंश को नहीं रहने देंगे, उसके लिए जो करना होगा वो करेंगे। उन्होंने कहा कि गौ माता और तोते ये मनुष्य आधारित पशु-पक्षी हैं, उनका हमारा कई जन्मों का सम्बंध है, इसलिए उसको अभयारण्य नाम देना गलत है। किसी भी हालत में जितनी गौशालाएं अधूरी हैं, उन गौशालाओं को पूरी कराएंगे। ये सरकार का पहला निर्णय है।
गौशालाओं को 20 रुपये की जगह अब 40 रुपये दिए जाएंगे
गो संवर्धन बोर्ड के माध्यम से अभी गौशालाओं को 20 रुपये मिलते हैं, उन्हें डबल करके, 40 रुपये दिए जाएंगे, इसे समय पर दिलवाएंगे इसमें लंबा गैप नहीं होगा। पंचायत को प्रेरित करेंगे, भूसा काटने की मशीन और अन्य संसाधनों के लिए अनुदान देंगे। जहां-जहां चरनोई है, वहां से अतिक्रमण हटाएंगे। प्रति 50 किलोमीटर टोल एजेंसी के अनुबंध के अनुसार हाइड्रोलिक कैटल लिफ्टिंग वाहन की व्यवस्था की जाएगी ताकि घायल पशुओं की लिफ्टिंग की जा सके।
गौ वंश, रक्षा वंश के रूप में मनाया जाएगा
सीएम ने कहा कि चैत्र पड़वा से नया वर्ष – गौ वंश, रक्षा वंश के रूप में मनाया जाएगा श्रेष्ठतम गौशाला के संचालन पर पुरस्कृत किया जायेगा। गौशाला अपनी पैरों पर खड़ी हो, इस दिशा में काम करेंगे। सीएम मोहन यादव गौ रक्षा संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने बड़ा एलान करते हुए कहा कि गौ संवर्धन के लिए समिति बनाई जाएगी। जिसमें राजस्व विभाग, नगरीय प्रशासन, धर्मस्व विभाग, पशुपालन, ग्रामीण विकास और वन विभाग के अधिकारी शामिल होंगे।
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