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वर्च्यू सोशल वेलफेयर सोसाइटी की शुरुआत।
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में सोमवार देर शाम वर्च्यू सोशल वेलफेयर सोसाइटी के जरिए एक बड़े सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें खंडवा नगर में सोशल मॉल का गठन करने के लिए एक राय बनाई गई। इस सोशल मॉल के जरिए समाज में एजुकेशन को बढ़ावा देने, रोटी और कपड़ा बैंक बनाने सहित केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रहीं योजनाओं को लेकर अवेयरनेस प्रोग्राम करने और इनके क्रियान्वयन को लेकर सहमति बनी है।
खंडवा नगर के गौरी कुंज सभागार में सोमवार देर शाम वर्च्यू सोशल वेलफेयर सोसाइटी के तहत शहर की सोशल वेलफेयर तंजीमो को साथ लेकर एक सेमिनार का आयोजन किया गया था। जिसमें इन वेलफेयर सोसाइटियों को किस तरह से काम करना है, और क्या-क्या काम करने हैं इसको लेकर बात की गई। वर्च्यू सोशल वेलफेयर सोसाइटी के सदस्य और आईपीएस अकादमी के डायरेक्टर शाहबाज अहमद ने बताया कि उनकी सोसायटी का उद्देश्य समाज में एजुकेशन के लिए काम करना और जो समस्याएं समाज में व्याप्त हैं उनको दूर करने के लिए सबको एक प्लेटफार्म पर लाकर लोगों को इसके लिए जागरूक करना है। ताकि, यह सारे लोग मिलकर एजुकेशन और सामाजिक समस्याओं को ध्यान में रखकर इनके हल ढूंढे। यह बातें कई दिनों से सभी के जहन में थीं और कई सारे लोग इस सबके लिए अलग-अलग तरीके से काम भी कर रहे थे। अब इस सभी लोगों को मिलाकर एक सोशल माहौल का गठन किया गया है, जिसमें वर्च्यू सोशल वेलफेयर सोसाइटी के द्वारा समाज में अच्छाइयों के लिए काम कर रहे ऐसे लोगों को एक प्लेटफार्म दिया है और उन्हें यहां बुलाकर सम्मान भी दिया गया है।
बेहतर खिदमत के लिए किया गया शहर काजी का सम्मान
कार्यक्रम में मौजूद शहर काजी सैय्यद निसार अली ने बताया कि इसके लिए अकोला से डॉक्टर जुबेर नदीम और तुफैल अहमद साहब को खंडवा बुलाया गया जो सोशल वर्किंग में अपने-अपने शहरों में काम कर रहे हैं। उनसे जुड़कर और उनसे प्रेरणा लेकर शहर की वर्च्यू सोसायटी और समाज के दूसरे लोग मिलकर इन कामों को खंडवा नगर में भी आगे बढ़ाएंगे। कार्यक्रम के दौरान शहर में कौम की बेहतर तरीके से खिदमत अंजाम देने के लिए सोसायटी के अय्यूब खान द्वारा शहर काजी सैय्यद निसार अली सहित अकोला से आये मेहमानों का सम्मान भी किया गया ।
इसलिए किया जा रहा सोशल माल का गठन
शाहबाज अहमद ने बताया कि खंडवा में सोशल मॉल का गठन पहली बार ही किया गया है, हालांकि इस तरह का काम महाराष्ट्र के अकोला और औरंगाबाद में पहले से चल रहा है । जहां पर रोटी बैंक, कपड़ा बैंक सहित एजुकेशन के लिए काम हो रहा है । खासकर प्रशासन जिन योजनाओं को लागू कर रहा है, उनको लेकर लोगों में इतना अवेयरनेस नहीं है, जिसके चलते वे सारी योजना तक नहीं पहुंच पाते हैं। प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर उनकी योजनाओं के सही क्रियान्वयन करने के लिए भी सोशल मॉल का गठन किया गया है।
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