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इंदौर2 मिनट पहले
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नगर निगम में संपत्ति कर औसतन 70 से 75 फीसदी ही जमा हो पाता है। 25 से 30 फीसदी का बकाया हमेशा बना रहता है और इसकी वसूली में निगम पूरी तरह से सफल नहीं हो पाता। निगम की तंगहाली का एक अहम कारण यह भी है। इसलिए जेब भरने की तैयारी मेंं निगम अब एक-एक घर को खंगालने जा रहा है। इसके लिए उसे अपने कर्मचारियों पर भी भरोसा नहीं है। संपत्तियों के सर्वे और भौतिक सत्यापन का जिम्मा निजी एजेंसी को सौंपा जाएगा। इसकी टीम प्रत्येक घर में जाकर उसकी एक-एक इंच जमीन का हिसाब निकालेगी, जिसके आधार पर सारे संपत्तिकर खाते अपडेट किए जाएंगे और उसी के अनुसार कर की वसूली होगी।
निगम के पास संपत्तिकर के करीब 5.80 लाख खाते हैं। माना जा
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