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जबलपुर हाईकोर्ट
– फोटो : सोशल मीडिया
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सेन्द्रल बैंक ऑफ इंडिया ने ढाई दशक पहले बिना कारण बताए दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को सेवा से पृथक कर दिया। अब हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने कर्मचारी को सभी लाभ प्रदान करते हुए बहाल करने के आदेश जारी किए हैं।
सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से दायर की गई याचिका में केंद्रीय औद्योगिक विवाद अधिकरण के आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। याचिका की सुनवाई के दौरान एकलपीठ ने पाया कि अनावेदक दिनेश कुमार कहार निवासी नरसिंहपुर को सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया बैंक की करेली शाखा में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के रूप में फरवरी 1992 को सेवा में लिया गया था। 1999 में उसे बिना किसी कारण बताए सेवा से पृथक कर दिया गया। जिसके खिलाफ उसने केन्द्रीय औद्योगिक विवाद अधिकरण में आवेदन पेश किया था। केन्द्रीय औद्योगिक विवाद अधिकरण ने उसके पक्ष में आदेश जारी किया था।
याचिका की प्रारंभिक सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने केंद्रीय औद्योगिक विवाद अधिकरण के आदेश पर रोक लगा दी थी। लेकिन, सुनवाई के बाद एकलपीठ ने सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से दायर की गई याचिका को खारिज कर कर्मचारी के हित में आदेश जारी किए। अनावेदक कर्मचारी की तरफ से अधिवक्ता नर्मदा प्रसाद चौधरी ने पैरवी की।
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