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firecracker factory explosion
– फोटो : अमर उजाला
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मध्य प्रदेश के हरदा में मंगलवार को अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट होने से 11 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हुए हैं। अवैध पटाखा फैक्ट्री बैरागढ़ वार्ड में है। फैक्टी के आसपास बस्ती भी है। जिनमें 15 से ज्यादा मकानों को बनाने के लिए पीएम आवास योजना का लाभ भी मिला। वे भी धमाके की चपेट में आ गए। रहवासी क्षेत्र में पटाखा फैक्टी कैसे चल रही थी? इस पर अफसरों ने चुप्पी साध रखी है।
नगर पालिका अध्यक्ष भारती राजू कमेडिया का कहना है कि पहले यह इलाका ग्रामीण क्षेत्र में आता था। फैक्ट्री 20 साल से यहां चल रही थी। परिसीमन के बाद फैक्ट्री के आसपास की बस्ती वार्ड में शामिल हो गई थी। 15 से ज्यादा परिवारों को पीएम आवास योजना का लाभ भी मिला, लेकिन विस्फोट में वे मकान भी खंडहर में तब्दील हो गए।
फैक्ट्री में पहले धमाके के बाद श्रमिक जान बचाने के लिए 25 फीट ऊंची छत से कूदे
हरदा की पटाखा फैक्ट्री में सबसे पहले एक गोदाम में धमाका हुआ था और आग लग गई। इसके बाद काम कर रहे श्रमिक बाहर निकलने की कोशिश करने लगे। जिस गोदाम में आग लगी थी, वह फैक्ट्री के मुख्य गेट के पास था, इसलिए श्रमिक फैक्टी की छत पर चढ़ गए और 25 फीट ऊंचाई से जान बचाने के लिए कूदते रहे। इस बीच फैक्ट्री में दूसरा बड़ा विस्फोट हुआ, जिसका असर आधा किलोमीटर तक रहा। फैक्ट्री में काम कर रहे श्रमिको के अंगों के चिथड़े उड़ते लोगों ने देखे। एक बाल श्रमिक का हाथ ही धड़ से अलग हो गया।
एक दिन पहले ही एक ट्रक माल आया था
हरदा निवासी शिवराज राजपूत ने बताया कि तीन मंजिला फैक्ट्री के तलघर में चार गोडाऊन बने थे। जिसमें स्टॉक का बारूद, तैयार पटाखे रखे जाते थे। श्रमिक भी तल घर मे ही काम करते थे। लोगों ने बताया कि एक दिन पहले ही एक ट्रक बारुद और अन्य सामग्री फैक्ट्री में आई थी।
तलघर में श्रमिकों के दबे होने की आशंका
विस्फोट के कारण फैक्टी की तीन मंजिला बिल्डिंग भी धराशाई हो गई। शाम साथ बजे तक तो दमकलें आग बुझाने में ही जुटी रही। रात आठ बजे के बाद मलबा हटाने का काम शुरू हो सका। मलबे में फैक्ट्री में काम करने वाले श्रमिकों के दबे होने की आशंका व्यक्त की जा रही है। लोगो ने बताया कि परिवार के सदस्यों को फैक्ट्री मालिक काम पर रख लेता था। उनमें महिलाएं और बच्चें भी शामिल होते थे।
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