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Mp News: Ed Attaches Property Worth Rs 151 Crore Of Sudhir Ratnakar And Peter Das Of Dhar – Amar Ujala Hindi News Live

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MP News: ED attaches property worth Rs 151 crore of Sudhir Ratnakar and Peter Das of Dhar

ईडी
– फोटो : अमर उजाला

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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धार में एक भूमि घोटाले के आरोपी सुधीर रत्नाकर और पीटरदास की 151 करोड़ रूपए की  56 अचल और दो अचल संपत्तियों को अटैच कर लिया है। अटैच की गई संपत्ति का बाजार मूल्य करीब 151 करोड़ आंका गया है। यह जानकारी आज मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दी गई है। जानकारी के जमीन घोटाले में एक चर्च के कुछ लोगों के अलावा कुछ सरकारी अधिकारी और भू-माफिया शामिल है। धार पुलिस ने भी जमीन के इस घोटाले में धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया है। धार पुलिस ने 23 अक्टूबर, 2022 को अदालत में 16,500 पेज की चार्जशीट दाखिल की।  इसके बाद उक्त मामले की जांच ईडी ने तेज की। ईडी ने अगस्त में  ही छापेमारी की थी। ईडी न धार के टेरेसा कंपाउंड, मिशन कंपाउंड और शहर के दो अन्य स्थानों पर छापेमारी की थी। इस घोटाले में बड़ी मात्रा में मनी लॉन्ड्रिंग हुई है, जिस कारण मामले को ईडी ने अपने हाथ में लिया। धार पुलिस ने फरवरी 2022 में इस जमीन  घोटाले का पर्दाफाश कर मामले की जांच कर रही थी। 

केयरटेकर के बेटे को मालिक बनाकर बेची जमीन

पुलिस द्वारा अदालत में प्रस्तुत किए गए चालान के अनुसार 3.074 हेक्टेयर में फैला सेंट टेरेसा मिशन कंपाउंड प्राइम लोकेशन पर स्थित है। धार के व्यवसायी और मुख्य आरोपी सुधीर जैन, उनकी पत्नी आयुषी, डॉ. रत्नाकर पीटर दास, एक सेवानिवृत्त एसडीएम और धार नगर परिषद के कुछ अधिकारियों सहित 31 लोगों के खिलाफ आरोप तय किए गए थे। यह 3.074 हेक्टेयर भूमि 1895 में धार के तत्कालीन शासक आनंद राव पवार-तृतीय द्वारा कनाडा की एक मिशनरी डॉ. मार्गरेट ओहारा को महिलाओं के लिए एक अस्पताल और उनके आवासीय बंगले की स्थापना के लिए दी गई थी। भूमि के एक छोटे से हिस्से पर घर और मिशन अस्पताल का निर्माण किया गया और 1897 में इसका उद्घाटन किया गया। 

आजादी के बाद सरकार थी जमीन की मालिक

जानकारी के अनुसार डॉ. मार्गरेट 1927 में कनाडा चली गईं और 1940 में उनकी मृत्यु हो गई। भूमि उनके नाम पर कभी हस्तांतरित नहीं की गई। आजादी के बाद भी सरकार जमीन की मालिक बनी रही. राजस्व अभिलेखों में डॉ. ओहारा का उल्लेख कार्यवाहक के रूप में किया गया था। 1972 में, छत्तीसगढ़ के एक आदिवासी डॉ. रत्नाकर पीटर दास ने मिशन अस्पताल धार के अधीक्षक के रूप में कार्यभार संभाला। डॉ. दास ने 1985 में कार्यवाहक के रूप में अपना नाम दर्ज कराने के लिए राजस्व रिकॉर्ड में हेरफेर करवाया। डॉ. दास के इस दावे के बावजूद कि वह केवल देखभालकर्ता थे, मालिक नहीं, 1990 में यूनाइटेड चर्च ऑफ नॉर्दर्न इंडिया ने जमीन पर दावा ठोक दिया। 2004 में अदालत ने अपने फैसले में कहा कि डॉ. रत्नाकर पीटर दास के पास जमीन का मालिकाना हक नहीं है। इसके बावजूद डॉ. दास की मृत्यु के बाद, उनकी पत्नी डॉ इला दास ने 0.451 हेक्टेयर का पट्टा पत्र सुधीर जैन के पक्ष में निष्पादित किया। 2009 में एक अन्य आरोपी अखिलेश शर्मा के नाम पर पावर ऑफ अटॉर्नी बनाई गई, जिसने बाद में जमीन पर 36 प्लॉट लोगों को महज 20 लाख रुपये में बेच दिए। बाद में दिवंगत डॉ. दास के बेटे सुधीर दास ने अवैध रूप से 14 विक्रय पत्र निष्पादित किए और 1.6 लाख वर्ग फुट से अधिक जमीन विभिन्न लोगों को बेच दी।

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