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कटनी5 मिनट पहले
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किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों के तहत शून्य से 18 वर्ष की आयु के बच्चों की देखरेख, जरूरतमंद बालकों अनाथ, बेसहारा, परित्यक्त, घर से भागे हुए, बाल भिक्षुक, बाल तस्करी में लिप्त, शोषण का शिकार और सड़क पर रहने वाले बच्चों को संरक्षण देने वाली सभी अशासकीय संस्थाओं के पंजीकरण की जांच की जाएगी।
इस संबंध में कलेक्टर अवि प्रसाद ने जिला और अनुभाग स्तर पर
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