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सतीश जैन.इंदौर6 मिनट पहले
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श्री आदिनाथ दिगंबर जैन नया मंदिर संविद नगर कनाड़िया रोड इंदौर में आचार्य विहर्ष सागर महाराज ने कहा कि मंदिर में प्रवेश करने पर भगवान को हम किस भावना से देखते हैं, श्रीजी एक ऐसी कोचिंग है, जिन्होंने अनंतानंत सिद्ध परमेष्ठी बना दिए। यह वो संस्था है, जिन्होंने कितने ही लोगों को सिद्ध बना दिया है। हम अनादि से जन्म- मरण करते आ रहे हैं। हम संसार में अतिथि बनकर आए हैं, तो मनमर्जी क्यों चलाते हैं ? भ्रांतियों में हमारा जीवन निकल रहा है, भगवान के नियम क्वालिटी वाले होते हैं, जिनको मुनि-संतों ने ग्रहण करके रखा है। हमने धर्म को क्रियाओं से जोड़ दिया है और क्रियाओं से ही झगड़े होते हैं। साधु किसी पंथ के नहीं होते, वे तो आगम पंथी होते हैं। महावीर स्वामी का पंथ वितरागी है, ये बताता है कि कैसे अवगुणों को छोड़कर संयम धारण करना है।

प्रवचन देते आचार्य विहर्ष सागर महाराज।
भ्रम के जादू को तोड़ना ही धर्म
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