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मध्यप्रदेश हाईकोर्ट, जबलपुर
– फोटो : सोशल मीडिया
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मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने बीएड डिग्री धारकों को प्राथमिक शिक्षकों के पद पर नियुक्ति देने की चुनौती देने वाले मामले में गुरुवार को सुनवाई बढ़ा दी। जस्टिस शील नागू और जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ के समक्ष शासन की ओर से बताया गया कि 11 अगस्त 2023 को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी आदेश के संबंध में पुनर्विचार याचिका दायर हुई। इस पर 11 जनवरी को सुनवाई होना है, जिसके बाद ही बीएड डिग्री धारियों का भविष्य तय होगा।
जवाब के बाद न्यायालय ने मामले की सुनवाई 29 जनवरी तक के लिए मुलतवी कर दी। उल्लेखनीय है जबलपुर निवासी रोहित चौधरी समेत प्रदेश के अलग-अलग जिलों के दर्जनों डीएलएड छात्रों ने याचिका दायर कर एनसीटीई द्वारा 26 अगस्त 2018 की उस अधिसूचना को चुनौती दी है, जिसके तहत प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए बीएड डिग्रीधारकों को भी पात्र माना है।
इसी के तहत अब सैकड़ों बीएड डिग्रीधारक उम्मीदवारों ने भी हस्तक्षेप आवेदन प्रस्तुत किए हैं। याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि बीएड डिग्रीधारकों के लिए यह शर्त रखी गई है नियुक्ति के दो वर्ष के भीतर ऐसे शिक्षकों को एक ब्रिज कोर्स करना होगा। जबकि प्रदेश में प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 के तहत सैकड़ों बीएड डिग्री वालों को भी नियुक्ति दी गई है। जबकि अभी तक एनसीटीई ने ब्रिज कोर्स का सिलेबस भी निर्धारित नहीं किया है। मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर व विनायक शाह पैरवी कर रहे हैं।
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