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पंचतत्व में विलीन भाजपा की नींव के स्तंभ मीसाबंदी साधुराम मिश्रा: दत्तक पुत्र ने दी मुखाग्नि; साइकिल पर भाजपा का झंडा लगाकर देश भर में घूम घूम कर करते रहे भाजपा का प्रचार, अंतिम यात्रा में नहीं पहुंचे जिले के भाजपा नेता

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छतरपुर. हरपालपुर नगर में निवासरत रहकर जनसंघ और भाजपा की जिले में नींव रखने वाले मीसाबंदी लोकतंत्र सेनानी साधुराम मिश्रा का 90 वर्ष की आयु में सोमवार की दोपहर में छतरपुर में निधन हो गया था। मंगलवार को शासन के निर्देशानुसार मीसाबंदी के निधन पर सम्मान पूर्वक श्रद्धांजलि अर्पित करने जिला प्रशासन की ओर से नौगांव तहसीलदार संदीप तिवारी पहुंचे और पुष्प चक्र समर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके पश्चात उनकी शव यात्रा मंगलवार को शाम 4 बजे निकल कर मुक्तिधाम पहुंची , जहां उनकी चिता को दतत्र पुत्र प्रथम दुबे द्वारा मुखाग्नि दी गई।


19 महीने जेल में रहे मिश्रा
एक समय था जब कांग्रेस के शासनकाल में भाजपा का झंडा उठाने के लिए कोई तैयार नहीं होता था। तब नगर के कुछ लोग ऐसे थे, जो जनसंघ के जमाने में पार्टी के लिए तन-मन-धन से समर्पित होकर कार्य करते थे। उस वक्त जिन कार्यकतार्ओं ने न सिर्फ जनसंघ की नींव जिले में रखी थी। बल्कि उसके बाद से भारतीय जनता पार्टी के लिए अपना जीवन न्योछावर करते आए है। इन्ही कार्यकतार्ओं में साधुराम मिश्रा भी एक थे। साधुराम मिश्रा 1975 में आपात काल के समय छतरपुर जेल में 19 माह तक बन्द रहे थे। हरपालपुर में निवास करने वाले मिश्रा समाजसेवा के कार्य में जीवनभर जुटे रहे। उम्र के 90 वे साल में भी मिश्रा का हरपालपुरवासियों एवं क्षेत्र में निरन्तर सतत सम्पर्क रहा।

साइकिल पर भाजपा का झंडा लगा कर देश भर में घूम घूम कर किया भाजपा का प्रचार
साधुराम मिश्रा अपने जीवनकाल मे साइकिल पर भाजपा का झंडा लगा कर देश भर में घूम घूम कर भाजपा का प्रचार किया करते थे। देश में कही भी चुनाव हो साधुराम मिश्रा अपनी साइकिल से प्रचार करने जाते थे। उनकी साइकिल पर भाजपा का बड़ा सा झंडा एवं कंधे पर छोटा माइक साथ रहता था। राम मंदिर आंदोलन ,श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा झंडा फहराने साइकिल से ही गए ।


अंतिम यात्रा में नहीं पहुंचे भाजपा के नेता
जनसंघ,भाजपा, संघ से जुडक़र अपने पूरे जीवनकाल पार्टी की सेवा करने वाले मीसाबंदी साधुराम मिश्रा के निधन पर जिले के भाजपा नेताओं व पदाधिकारियों ने सोशल मीडिया पर उनके निधन पर शोक प्रकट किया। लेकिन लेकिन जिले का कोई भी बड़ा भाजपा नेता उनकी अंतिम यात्रा में शामिल नहीं हुआ। उनकी अंतिम यात्रा में उनके नजदीकी रिश्तेदार के अलावा एक दर्जन लोग ही शामिल हुए।

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