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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
– फोटो : Amar Ujala Digital
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मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इन दिनों एक्शन मोड में दिखाई दे रहे हैं। शपथ ग्रहण के बाद सबसे पहले खुले में मांस विक्रय पर रोक लगाई और उसके बाद लाउडस्पीकर की आवाज कम कराने का फैसला लिया था। इन दो फैसलों के बाद वे लगातार एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं। इसी बीच वे बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन अपने गृह नगर पहुंचे। जहां उज्जैन की जनता ने उनका हृदय से स्वागत किया।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने गीता कॉलोनी स्थित मकान में रात गुजर कर एक ऐसा मिथक तोड़ दिया, जिसके बारे में कहा जाता है कि यदि कोई पद पर रहने वाला व्यक्ति धार्मिक नगरी उज्जैन में रात गुजरता है तो उसे अपनी सत्ता गंवानी पड़ती है, क्योंकि उज्जैन के राजा सिर्फ और सिर्फ बाबा महाकाल हैं और दूसरा कोई नहीं।
बताया जाता है कि छत्रीचौक पर आम सभा के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने केंद्र और प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी देने के दौरान इस मिथक के बारे में भी कहा था कि मैं राजा नहीं हूं मैं तो बाबा महाकाल का बेटा हूं और बाबा महाकाल के मुख्य सेवक के रूप में ही काम कर रहा हूं। उज्जैन में मेरी उपस्थिति सीएम के रूप में नहीं बल्कि बाबा महाकाल के सेवक के रूप में है। उन्होंने आमसभा के दौरान ही यह स्पष्ट कर दिया था कि मैं बाबा महाकाल का सेवक बनकर यही रात्रि विश्राम करूंगा और ऐसे जो मिथक हैं उसे मैं तोड़ दूंगा। मुझे मेरे पिता बाबा महाकाल पर पूरा भरोसा है वो अपने बेटे का कभी गलत नहीं करेंगे।
पिता का आशीर्वाद लिया
मुख्यमंत्री आमसभा के बाद अपने पैतृक निवास पहुंचे, जहां उन्होंने अपने पिता का आशीर्वाद लिया और उनकी बहन और बेटी ने आरती उतारकर तिलक लगाकर घर प्रवेश कराया।
अब तक जिन्होंने गुजारी उज्जैन में रात उनकी गई सत्ता
धार्मिक नगरी उज्जैन के राजा सिर्फ बाबा महाकाल हैं इनके अलावा इस नगरी में पद पर रहने वाला कोई भी व्यक्ति रात नहीं गुजारता है। ऐसा कहा जाता है कि अगर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और किसी भी प्रदेश के मुख्यमंत्री व दिग्गज नेता रात में उज्जैन एक रात रुक जाते हैं तो वह सत्ता से बाहर हो जाते हैं। आज के पूर्व दो बार यह बात सच भी हो चुकी है, क्योंकि भारत के चौथे प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई एक रात उज्जैन में रुके थे और दूसरे दिन ही उनकी सरकार गिर गई थी। वहीं, कर्नाटक के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने भी उज्जैन में रात्रि विश्राम किया था, जिसके 20 दिन बाद उन्हें अपने पद से त्यागपत्र देना पड़ा था।
अधिकारियों के साथ की बैठक
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में आज प्रात: 10.30 बजे कलेक्टर कार्यालय के विक्रमादित्य संकुल भवन में बैठक की गई। कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने बैठक के सम्बन्ध में संकुल भवन पर आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने हेतु कार्यपालिक दण्डाधिकारी एवं अधिकारियों की अलग-अलग स्थानों पर ड्यूटी लगाई।
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