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सीहोर3 मिनट पहले
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प्रतिकात्मक फोटो
देवउठनी एकादशी के साथ ही विवाह आदि मांगलिक कार्यों का होना शुरू हो जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार विवाह लग्न की शुद्धि में शुभ-मुहूर्त का विशेष महत्व होता है।
शास्त्रानुसार देवशयनी एकादशी से देवप्रबोधिनी एकादशी तक चार
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