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डेंगू मरीज करा रहे इलाज
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
दमोह जिला इस समय डेंगू का हॉट स्पॉट बन गया है। जिले में एक अगस्त 2023 से लेकर अब तक डेंगू के 216 मरीज मिल चुके हैं। जबकि जिले की निजी अस्पतालों में रोजाना पांच से 10 डेंगू के मरीज पहुंच रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग और निजी अस्पतालों के बीच तालमेल नहीं होने के कारण डेंगू के मरीजों की सही जानकारी विभाग तक नहीं पहुंच रही है। इसके चलते जिले में डेंगू का खतरा बढ़ता जा रहा है।
हालांकि, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि निजी अस्पतालों को पत्र भेजा गया है कि डेंगू का मरीज आने पर उसकी तुरंत जानकारी दी जाए। ताकि संबंधित क्षेत्र में डेंगू फैलने से रोका जा सके। लेकिन विभाग के तमाम प्रयासों के बाद भी जिले में तेजी से डेंगू फैल रहा है। यदि समय पर काबू नहीं पाया गया तो स्थिति और गंभीर हो सकती है। डेंगू को लेकर सीएमएचओ डॉ सरोजनी बैक ने बताया जिले में डेंगू न फैले और संबंधित विभाग तक सही जानकारी पहुंचे। इसको लेकर निजी अस्पताल संचालकों की बैठक लेकर समझाइश दी जाएगी। इसके बाद भी यदि जानकारी नहीं दी जाती है तो कार्रवाई की जाएगी। मलेरिया अधिकारियों को भी निगरानी के निर्देश दिए हैं।
ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में मिले डेंगू के मरीज
जिला मलेरिया कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, जिले में एक अगस्त 2023 से लेकर अब तक 216 मरीज मिले हैं। जो पिछले वर्षों की तुलना में तीन गुना अधिक है। जिले में प्रतिदिन ही औसतन दो से तीन मरीज मिल रहे हैं। यदि नवंबर महीने में ही देख लिया जाए तो अभी तक डेंगू के 65 मरीज मिल चुके हैं। जबकि पिछली वर्ष 2022 के आंकड़ों को देखा जाए तो 71 मरीज ही रिकॉर्ड में दर्ज किए गए थे। जबकि इस वर्ष डेंगू के मरीजों का आंकड़ा तीन गुना हो गया है।
ये हैं डेंगू के लक्षण
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पेट दर्द होना
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सिर दर्द होना
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उल्टी होना
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नाक से खून बहना
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उल्टी, पेशाब या मल में खून आना
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हडि्डयों और जोड़ों में दर्द होना
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तेज बुखार आना
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थकावट होना
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सांस लेने में परेशानी होना
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प्लेटलेट्स काउंट कम होना
बचाव में रखें ये सावधानियां
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मच्छरदानी का उपयोग करें
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घर के आसपास पानी जमा न होने दें
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कूलर का पानी बदलते रहें
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पूरे बाजू के कपड़े पहनें
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मच्छर से बचने वाले रिप्लेटका प्रयोग करें
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पेड़ पौधों के पास जाएं या घर के बाहर निकले तो शरीर को ढकें
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नगर पालिका नहीं करा रही फागिंग
डेंगू के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग निष्क्रिय नजर आ रहा है। वहीं, मच्छरों की रोकथाम को लेकर नगर पालिका द्वारा भी किसी भी प्रकार के प्रयास नहीं किये जा रहे हैं और न ही शहर के वार्डों में जाकर रात के समय फागिंग कर रहे हैं। नगर पालिका परिषद में सीएमओ के न रहने के चलते एसडीएम को प्रभार सौंपा गया है, लेकिन एसडीएम द्वारा निर्वाचन कार्य में व्यस्तता के चलते उनके पास दिए गए प्रभार वाले विभागों की ओर किसी भी प्रकार का ध्यान नहीं होने के चलते नगर पालिका निष्क्रिय हो गई है। यही कारण है कि दमोह शहर में डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार ही बढ़ रही है।
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