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- Only One Who Does Not Have Any Kind Of Attachment, Hatred Or Astringent Feeling Can Become God Viharsh Sagar Maharaj
सतीश जैन.इंदौरएक घंटा पहले
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विचार करो कि भगवान महावीर स्वामी और हममें क्या अंतर है? शरीर में तो एक से हैं हम। अंतर यह है कि जितने भी तीर्थंकर हैं, वे विचारक हैं, विचारों के धनी हैं, उनके लग्जरी विचार हैं,भावनाएं हैं। हम इन चीजों में निर्धन है। पैसे से धनी तो बन गए, किंतु विचारों से धनी नहीं हैं, इसलिए ऐसा होने के बावजूद भी हमेशा टेंशन में रहते हैं, डिप्रेशन में रहते हैं। विचारों का मंथन करो कि हमारे विचार सही है या नहीं?
मोदीजी की नसिया में चातुर्मास कर रहे आचार्य विहर्ष सागर
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