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उज्जैन39 मिनट पहले
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शिप्रा नदी को मोक्षदायिनी कहा जाता है, क्योंकि इसमें अमृत की बूंदें गिरी थीं। धार्मिक मान्यताओं में इस नदी का जितना अधिक महत्व है, उतनी ही नगरवासियों की आस्था भी इससे जुड़ी हुई है लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद शिप्रा नदी का शुद्धिकरण नहीं हो पाया है। हकीकत यह है कि शिप्रा का शुद्धिकरण करना तो दूर, जिम्मेदार इस नदी में मिलने वाले प्रदूषित पानी तक को रोक पाने में नाकाम हैं।
कान्ह नदी के माध्यम से त्रिवेणी के आगे गऊघाट और लालपुल पर
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