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Mp Election:बुरहानपुर में हर्षवर्धन का Bjp से इस्तीफा, मांधाता सीट पर रूठों को मनाने में सफल रहे विजयवर्गीय – Mp Election: Harsh Vardhan’s Resignation From Bjp In Burhanpur

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MP Election: Harsh Vardhan's resignation from BJP in Burhanpur

बुरहानपुर में हर्षवर्धन सिंह ने भाजपा की प्रथमिक सदस्यता से इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया।
– फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार


मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान इस बार कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों के बागी नेताओं ने अपनी ही पार्टी की नाक में दम कर रखा है। गुरुवार को नामांकन वापसी के अंतिम दिन तक भी दोनों ही पार्टियों ने अपने रूठे हुए नेताओं को मनाने की अंतिम कोशिशें भी कर के देख लीं, लेकिन इसमें उन्हें कुछ हद तक ही कामयाबी हासिल हुई है। 

मध्य प्रदेश में जीत रहे 160 सीटें

खंडवा जिले के मांधाता विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक और भाजपा के उम्मीदवार नारायण पटेल को टिकट मिलने के चलते भाजपा के पिछड़ा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष संतोष राठौर नाराज थे। उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन भर बागी होकर चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी थी। इस दौरान भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय उन्हें मनाने पुनासा पहुंचे और संतोष राठौर को नामांकन पत्र वापस उठाने के लिए मना लिया। इसके बाद भाजपा के कार्यकर्ताओं को कैलाश विजयवर्गीय ने विधानसभा चुनाव में जीतने के लिए कई सारे मंत्र दिए। इस दौरान मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में 160 सीट जीत रहे हैं।

बुरहानपुर से हर्षवर्धन ने दिया भाजपा से इस्तीफा 

बता दें कि निमाड़ के खंडवा जिले की चारों विधानसभाओं में भारतीय जनता पार्टी से बागी होकर चुनावी रण में उतरे नेताओं को मनाने का जिम्मा बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को दिया गया था। इस दौरान विजयवर्गीय ने कहा कि भाजपा का निष्ठावान कार्यकर्ता कभी भी पार्टी की लाइन से परे नहीं जाता। इधर बुरहानपुर से दिवंगत नेता और पूर्व सांसद एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान के पुत्र हर्षवर्धन चौहान को भाजपा मनाने में कामयाब नहीं हो सकी है। विजयवर्गीय ने उन्हें लेकर कहा कि वे अपने दोस्तों के बहकावे में आ गए हैं। हमने उन्हें मनाने का बहुत प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने। अगर उन्होंने पार्टी से इस्तीफा नहीं दिया होगा तो हमारे द्वारा पार्टी से स्थगित कर दिया जाएगा। तो वहीं हर्षवर्धन ने विधानसभा चुनाव के लिए निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना पर्चा जमा कर फिलहाल भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा देकर भाजपा प्रत्याशी के लिए मुसीबतें बढ़ा दी हैं। 

चुनाव लड़ना था इसलिए दिया इस्तीफा 

बता दें कि बुरहानपुर से टिकट नहीं मिलने के बाद बागी हुए हर्षवर्धन सिंह ने भाजपा की प्रथमिक सदस्यता से इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया। अपना नामांकन वापस न लेकर अब वे अपनी ही पार्टी की उम्मीदवार अर्चना चिटनिस को मुकाबला देते नजर आएंगे। हर्षवर्धन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कोई व्यक्ति किसी पार्टी के सिम्बल पर लड़ कर ही वोट पाने के अधिकार नहीं रखता। अगर पार्टी ने किसी ख़राब व्यक्ति को टिकट दिया तो कार्यकर्ता और मतदाताओं का अधिकार बनता है कि वे किसी अन्य व्यक्ति को वोट देकर जिताएं और इस प्रकार के निर्णय पर पार्टी को जवाब दे। उन्होंने कहा की मुझे जनता ने खड़ा किया है ताकि में अपने पिता स्वर्गीय नंदकुमार जी की तरह क्षेत्र का विकास कर सकूं। मुझे चुनाव लड़ना ही था इसलिए मैंने भाजपा की प्रथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

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