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Rewa News:नशा मुक्ति केंद्र में युवक के साथ दरिंदगी, प्राइवेट पार्ट में डाला लाइटर, ऐसे हुआ खुलासा – Rewa News: Youth Brutalized In Drug De-addiction Center, Lighter Inserted In Private Part

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Rewa News: Youth brutalized in drug de-addiction center, lighter inserted in private part

रीवा एसपी विवेक सिंह
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


रीवा के विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र में संचालित संकल्प नशा मुक्ति केंद्र से दिल दहला देने वाली एक घटना समाने आई है। संकल्प नशा मुक्ति केन्द्र में भर्ती नशे के आदि एक यूवक के साथ नशा मुक्ति केंद्र के लोगों ने मानवता की सारी हदें पार कर डाली। नशा मुक्ति केंद्र के संचालक और कर्मचारियों ने पीड़ित के गुप्तांग में गैस चूल्हे का लाइटर डालकर उसे बुरी तरह से घायल कर दिया। जिससे पीड़ित की आंत तक फट गई। पीड़ित के शरीर से काफी मात्रा में जब खून निकला तो नशा मुक्त केंद्र के संचालक और कर्मचारियों के हाथ पैर फूल गए। नशा मुक्ति केन्द्र के कर्मचारियों ने आनन फानन में पीड़ित को संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया, तब इस बात की जानकारी परिजनों को लगी तो पूरे मामले का खुलासा हुआ।

दरअसल ग्राम पंचायत गढ़वा निवासी मुकेश मिश्रा नशे का आदि था। उसकी लत छुड़वाने के लिए परिजनों ने उसे संकल्प नशा मुक्ति केंद्र में 25 जुलाई 2021 को भर्ती कराया था, जिसको लेकर संचालक पीड़ित के परीजनों से प्रतिमाह 15 से 18 हजार रुपए तक की राशि वसूलते थे। लेकिन जब पीड़ित मुकेश की पत्नी उससे मिलने जाए तो उसे मिलने नहीं दिया जाता था और यह कह कर वापस लौटा दिया जाता था कि यहां पर सब पुरुष रहते हैं और नशा करने की वजह से उनका मानसिक संतुलन नहीं रहता इस वजह से आप नहीं मिल सकती और ये बात कहकर परिजनों को पीड़ित से नहीं मिलने दिया जाता था। 

28 अक्टूबर 2023 के दिन मुकेश मिश्रा को संजय गांधी अस्पताल में एडमिट करने के बाद नशा मुक्ति केंद्र के कर्मचारियों ने मुकेश की पत्नी को फोन करके सूचित किया कि आपके पति के पेट में दर्द है, जिस कारण से हम लोगों ने उसे संजय गांधी अस्पताल में एडमिट कर दिया हैं। परिजनों ने जब अस्पताल पहुंच कर देखा कि मुकेश के पेट में बड़ा सा घाव है। डॉक्टर से पूछने पर डॉक्टर ने यह बताया कि मुकेश की आंते फटी हुई है, इसके गुप्तांग में किसी ने नुकीली चीज से चोट पहुंचाई है। 

खुद पीड़ित मुकेश मिश्रा ने नशा मुक्ति केंद्र में उसके साथ हुई बर्बरता की कहानी बताई। पीड़ित ने बताया कि नशा मुक्ति केन्द्र के संचालक विवेंद्र अवस्थी व उसका भतीजा शिवाकांत अवस्थी और कर्मचारी कैलाश तिवारी सहित अमित चतुर्वेदी ने उसके साथ काफी ज्यादती की। पीड़ित ने बताया कि नशा मुक्ति केन्द्र के कर्मचारी अक्सर उसके साथ बर्बरता पूर्वक मारपीट करते और भद्दी भद्दी गालियां देते थे। बीते दिनों उसकी इतनी पिटाई की गई की उसके पैरों में बुरी तरह से सूजन आ गई। उनके द्वारा की गई बर्बरता का सिलसिला यही नहीं थमा। पीड़ित के गुप्तांग में गैस जलाने वाला एक बड़ा लाइटर डाला गया, जिससे उसकी आंतें फट गई और उसके शरीर से खून बहने लगा। इस बात की भनक जब नशा मुक्ति केन्द्र के संचलक को हुई तो तत्काल उसे संजय गांधी अस्पताल में भर्ती करवाया और बिना परिजनों को सूचना दिए ही उसका ऑपरेशन करवा दिया। 

ढाई वर्षो से नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती था पीड़ित

पीड़ित के चचेरे भाई ने बताया कि पिछले ढाई वर्षों से मेरा भाई इस नशा मुक्ति केंद्र में था। अभी विगत दो-तीन दिन पहले ही मुझे जानकारी प्राप्त हुई कि नशा मुक्ति केंद्र के लोगों ने उसका ऑपरेशन परिवार को बिना जानकारी दिए ही करवा दिया। जब मैंने नशा मुक्ति केंद्र वालों से जानकारी लेनी चाहिए तो ऐसा कोई साक्ष्य नहीं दिया गया कि जिससे साबित हो सके कि उसने पीड़ित के मर्जी से ऑपरेशन करवाया हो। जब मैंने पीड़ित के डिस्चार्ज करवाने की बात कही तो सारी हकीकत सामने आई।  पीड़ित के भाई ने कहा कि ढाबे में इस्तेमाल किए जाने वाले बड़े से गैस लाइटर को नशा मुक्ति केंद्र के लोगों ने उसके गुप्तांग में डाला गया था, जिससे उसकी आंत फट गई और वह गंभीर रुप से घायल हो गया।

घटना के बाद उसकी हालत गंभीर हो गई और वह मरनासन्न अवस्था में हो गया, तो उसका इलाज करना शुरू किया गया।  उसके बाद बिना परिजन को सूचना दिए ही संजय गांधी अस्पताल में उसका ऑपरेशन कर दिया गया और फिर ऑपरेशन के एक दिन बाद परिजनों को जानकारी दी गई कि उसे पाइल्स की बीमारी थी जिसके चलते उसका ऑपरेशन कराया गया है। जानकारी मिलने के बाद जब परिजन पीड़ित के पास पहुंचे तो उन्हें शंका हुई और उन्होंने उसका एग्जामिनेशन करना शुरू किया तो देखा कि उनके पूरे शरीर में काफी घाव थे दोनों पैरों में गर्म सलाखें दागी गई थीं। गुप्तांग में लाइटर डालने से पीड़ित की आंते फटी हुई थी, जिसका इलाज भी किया गया था।

पीड़ित के चचेरे भाई प्रभाकर मिश्रा ने आरोप लगाते हुए कहा कि लगभग ढाई वर्षों से हमें अपने भाई से मिलने नहीं दिया गया। हमारी भाभी भी जाती थी लेकिन उनसे मिलवाया नहीं जाता था। पीड़ित के भाई ने डॉक्टरों पर भी बड़ा गंभीर आरोप लगाया और बताया कि डॉक्टर ने पहले मुझे पाइल्स का ऑपरेशन होना बताया था, लेकिन जब हमने दबाव डालकर पूछताछ तो उन्होंने सच्चाई बता दी और कहा कि इसकी आंत का ऑपरेशन हुआ है। पीड़ित के भाई ने कहा कि यह सिर्फ मेरे भाई की बात नहीं है। संकल्प नशा मुक्ति केन्द्र में जो 60 से 65 लोग एडमिट है उनके जीवन में कहीं न कहीं बहुत बड़ा खतरा मंडरा रहा है और इस तरह की घटना कही न कही ह्यूमन ट्रैफिकिंग को दर्शाती हैं।

पीड़ित के भाई ने पुलिस पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि हम थाने में तीन घंटे तक शिकायत लेकर खड़े रहे, लेकिन पुलिस ने हमारी एक नहीं सुनी। मैं थाना विश्वविद्यालय में बैठा रहा सब इंस्पेक्टर दिनेश यादव ने कहा कि मैं विवेचना करने के बाद मामला पंजीबद्ध करूंगा। मैंने बहुत निवेदन किया इसके बाद भी हमारी सुनवाई नहीं हुई। हमें इस बात की जानकारी नहीं है कि पुलिस ने मामला पंजीबद्ध क्यों नहीं किया। इसके बाद सोमवार की ही देर शाम मैंने एसपी विवेक सिंह से मुलाकात की है जिसके बाद उन्होंने निष्पक्ष जांच करवा कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है।

पूरे मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक रीवा विवेक सिंह ने कहा कि एक परिजन शिकायत करने हमारे पास आए हुए थे। उन्होंने अपने भाई को 2021 के दौरान नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती किया था, उनको कल जानकारी मिली थी कि पीड़ित को अस्पताल में एडमिट किया गया है, उनके परिजनों ने नशा मुक्ति केंद्र पर कुछ गंभीर आरोप लगाए हैं। आप्रकृतिक कृत्य करने का भी आरोप लगाया है, जिसको हमने जांच में लिया है। जांच में जैसे तथ्य निकल कर सामने आएंगे उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

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