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सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : सोशल मीडिया
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मप्र हाईकोर्ट ने वरिष्ठ की उपेक्षा कर कनिष्ठ को पदोन्नत किए जाने के मामले को सख्ती से लिया है। जस्टिस जीएस आहलूवालिया की एकलपीठ ने मामले में स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव व आयुक्त लोक शिक्षण को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं।
छिंदवाड़ा निवासी लहु सरोड़े की तरफ से दायर याचिका में कहा गया कि वह अपर डिवीजन टीचर के रूप में नियुक्त हुआ था। याचिकाकर्ता को वर्ष 1998 में माध्यमिक स्कूल में प्रधान अध्यापक के पद पर पदोन्नत किया गया। सितंबर 2023 में उच्च प्रभार देने की योजना लागू हुई। इसके बाद याचिकाकर्ता को व्याख्याता के पद पर प्रमोशन दिया गया, लेकिन उससे कई कनिष्ठ शिक्षकों को प्रधान अध्यापक से सीधे हाईस्कूल प्रिंसिपल के पद पर पदोन्नत कर दिया गया, जिस पर हाईकोर्ट की शरण ली गई। सुनवाई पश्चात् न्यायालय ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं।
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