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Building collapsed while breaking old pillars and wall | मलबे में फंसे थे 8 लोग, मिस्त्री और मजदूर ने सुनाई हादसे की कहानी

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सतना5 मिनट पहले

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सतना शहर के बिहारी चौक क्षेत्र में देर रात ताश के पत्तो की तरह भरभराकर ढही बिल्डिंग के मलबे में दबने से एक मजदूर की मौत हो गई। उसका शव देर रात लगभग साढ़े 3 बजे निकाला जा सका। बिल्डिंग के मलबे में मिस्त्री और मजदूरों समेत 8 लोग फंसे थे जिनमें से 5 पहले ही निकल गए थे जबकि 2 लोगों को घंटों बाद रेस्क्यू टीम ने निकाला था। एक मजदूर के मलबे में ही दबा रह गया था जिसका शव लगभग 5 घंटे बाद निकाला जा सका।

शहर के बाजार क्षेत्र बिहारी चौक में महावीर भवन के बगल में बनी पिंकी ड्रेसेज की बिल्डिंग मंगलवार की रात लगभग सवा 10 बजे भरभराकर गिर गई। ये तीन मंजिला बिल्डिंग नरेंद्र साबनानी उर्फ पिंकी पिता छत्तूमल साबनानी की है। पिछले कई दिनों से पिंकी इस बिल्डिंग में तोड़फोड़ और रिनोवेशन का काम करा रहा था। मंगलवार को उसने रात के वक्त काम लगवा रखा था। इसके लिए उसने 2 मिस्त्री और 3 मजदूरों को बुलाया था। मिस्त्री – मजदूर अंदर काम कर रहे थे जबकि नरेंद्र उर्फ पिंकी भी अपने बेटों हितेश और नीतेश के साथ वहां मौजूद था। एक मिस्त्री दीवार जोड़ रहा था जबकि दूसरा मिस्त्री एक मजदूर के साथ बीम काट रहा था। एक मजदूर सीढ़ी के पास काम कर रहा था। इसी बीच तेज आवाज के साथ बिल्डिंग का आगे का हिस्सा स्लैब सहित भरभराकर धराशायी हो गया। पिंकी और उसके दोनों बेटे बिल्डिंग के पिछले हिस्से में थे लिहाजा जैसे ही हादसा हुआ वे पिछले दरवाजे से बाहर निकल गए। पिंकी, हितेश ,नितेश के साथ रामदेव नाम का मिस्त्री भी निकल गया। चारों बिना किसी से कुछ कहे – सुने सीधे जिला अस्पताल पहुंच गए।

सुनिए मिस्त्री और मजदूरी की जुबानी कि क्या हुआ था…मिस्त्री हूं रामदेव नाम है, रामपुर बाघेलान से हूं, 10 दिनों से यहां काम कर रहा हूं। बिल्डिंग तोड़ रहे थे। तब ही गिर गई। देर रात तक काम कर रहे थे। मालिक देर रात तक काम करवाता है। हादसे के समय मालिक भी थे उनके लड़के भी थे लेकिन वो बाहर की तरफ थे और हम 5 लोग थे। तब ही तोड़ते हुए बिल्डिंग गिर गई।

मैं छोटे लाल,,,मलिक और उनके दो बेटों समेत हम 6 लोग है। रात को भी काम कर हे थे। बीम गिरा रहे थे। तब एक मजदूर बीम तोड़ रहा था मैं अंदर था। तब ही अचानक से मेरे मलबा गिरा। जब बिल्डिंग गिरी तो दो मजदूर और में अंदर थे। मालिक उनके बेटे बाहर की तरफ थे, मिस्त्री भी कहीं नीचे साइड में ही था।

उधर, बिल्डिंग गिरने की खबर से बाजार में हडकंप मच गया। बाजार के तमाम रहवासी वहां जमा हो गए और शोर शराब शुरू हो गया। पुलिस और प्रशासनिक अफसरों ने नगर निगम की जेसीबी मंगवाई और एसडीईआरएफ की टीम को बुला कर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कराया। इस बीच कुछ उत्साही युवकों ने स्लैब को हाथ से भी हटाने की कोशिश की लेकिन नाकाम रहे। कुछ ही देर में सोनू कोल नाम के मजदूर को मलबे से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया लेकिन अन्य लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका के बीच रेस्क्यू जारी रहा। सोनू कोल मलबे से निकला और अपने पैरों पर चलते हुए एम्बुलेंस तक पहुंचा। इत्तेफाक ही था कि इस भीषण हादसे में उसे मामूली चोट ही आई।

हालांकि मंजर ने उसे इस कदर दहशतजदा कर रखा था कि वह सिर्फ रोता जा रहा था। लगभग 3 घंटे बाद छोटे नाम के मिस्त्री तक भी रेस्क्यू टीम पहुंच गई। वह बिल्डिंग के पिछले हिस्से में फंसा था। उसे स्ट्रेचर पर बाहर निकाल कर अस्पताल भेजा गया। उसके पैर और कूल्हे में चोट आई है।

छोटे ने बाहर निकलते ही उसके साथ काम कर रहे उसके बेटे बालेंद्र के बारे में पूछा। जब बालेंद्र से उसके मोबाइल फोन पर संपर्क किया गया तो उसने बताया कि जिस वक्त बिल्डिंग गिरी वह बाहर खड़ा था। उसके ऊपर भी मलबा गिरा, उसे चोट भी आई लेकिन डर के कारण वह यह जानते हुए भी वहां से भाग गया कि उसका पिता मलबे में दब गया था।

बालेंद्र ने बताया कि बिल्डिंग में मंगलवार की रात वह और उसके पिता समेत 5 मिस्त्री- मजदूर काम कर रहे थे। वह घर भाग गया था जबकि उसके पिता छोटे और एक अन्य मजदूर सोनू को रेस्क्यू टीम ने निकाल लिया था। रामदेव बिल्डिंग मालिक के साथ ही अस्पताल पहुंच गया था ऐसे में उसने एक मजदूर के अभी भी मलबे में दबा होने की आशंका जताई। एसडीईआरएफ की टीम,नगर निगम का अमला और पुलिस मलबे में उस लापता मजदूर का पता लगाने की कोशिश में लगी रही। रात लगभग साढ़े 3 बजे मजदूर का शव मलबे में दबा पाया गया।

पुरानी बीम- पिलर और दीवारों की तोड़फोड़ बनी वजह

बताया जाता है कि नरेंद्र पुरानी बिल्डिंग के स्ट्रक्चर से छेड़छाड़ करवा कर रिनोवेशन का काम करा रहा था। उसने पुराने पिलर और बीम तुड़वा दिए थे। मोटी दीवारों को भी तुड़वा कर पतली 4 इंच की दीवार बनवा रहा था। वह एक सीढ़ी भी बनवा रहा था। जानकारों की मानें तो भारी भरकम बिल्डिंग का लोड नहीं संभला और इमारत धराशायी हो गई। बता दें कि पिछले दिनों पिंकी साबनानी की इसी तोड़फोड़ को लेकर उसका पड़ोसी दुकानदारों से विवाद हुआ था। आसपास के दुकानदारों ने तभी अंदेशा जताया था लेकिन पिंकी नहीं माना था। नतीजतन नौबत मारपीट की आ गई थी और मामला थाना तक जा पहुंचा था।

देर रात तक मौजूद रहे नेता- अफसर, घायलों को देखने अस्पताल पहुंचे

बिल्डिंग गिरने और मलबे में लोगों के दबे होने की जानकारी मिलने पर पहुंचे नेता और अफ़सर देर रात तक मौके पर मौजूद रहे। सांसद गणेश सिंह,विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा,मेयर योगेश ताम्रकार,भाजपा जिलाध्यक्ष सतीश शर्मा,चेम्बर अध्यक्ष सतीश सुखेजा,एडीएम ऋषि पवार,कमिश्नर अभिषेक गहलोत ,एसडीएम नीरज खरे, सीएसपी महेंद्र सिंह,टीआई कोतवाली शंखधर द्विवेदी,कोलगवां कोतवाल सुदीप सोनी,सिविल लाइन टीआई योगेंद्र सिंह, नगर निगम के दस्ता प्रभारी अनिल श्रीवास्तव,फायर सेफ्टी ऑफिसर आरपी सिंह परमार के अलावा पार्षद पीके जैन,संजय तीर्थवानी,मनोहर वाधवानी,रवि शंकर अग्रवाल गौरी,पूर्व पार्षद प्रसेनजीत सिंह तोमर, नीरज शुक्ला, मनोहर सुगानी,सिद्धार्थ देव सिंह वहां मौजूद रहे। सांसद गणेश सिंह,मेयर योगेश ताम्रकार,विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा घटनास्थल से अस्पताल भी गए और घायलो का हाल जान कर उनके इलाज के बारे में भी डॉक्टरों से जानकारी ली।

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