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Tulsi Nagar residents can boycott elections | कॉलोनी के नियमितिकरण की CM कर चुके घोषणा,कल जनसुनवाई में फिर करेंगे मांग

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इंदौर17 मिनट पहले

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लम्बे समय से तुलसी नगर को वैध करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे तुलसी नगर के रहवासियों का गुस्सा फूट पड़ा है। रहवासियों में इस बात को लेकर ज्यादा आक्रोश है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कहने के बाद भी जनप्रतिनिधि व अधिकारी इस पर अमल करने को तैयार नहीं है। इसे लेकर मंगलवार 3 अक्टूबर को सारे रहवासी कलेक्ट्रेट की जनसुनवाई में जाकर आखिरी बार मांग करेंगे। अगर समस्या का हल नहीं हुआ तो वे इस विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे।

दरअसल, कॉलोनी के नियमितिकरण की मांग तो रहवासी सालों से कर रहे हैं लेकिन अब तक हल नहीं निकला है। श्री तुलसी सरस्वती सोशल वेलफेयर सोसाइटी के संयोजक शम्भूनाथ सिंह व अध्यक्ष राजेश तोमर ने बताया कि 20 सितम्बर को मुख्यमंत्री द्वारा जन आशीर्वाद यात्रा के लिए इंदौर आए थे। तब रेसीडेंसी कोठी पर आयोजित एक बैठक में क्षेत्रीय विधायक महेंद्र हार्डिया, मेयर पुष्यमित्र भार्गव, नगर निगम व जिला प्रशासन के वरिष्ठ पदाधिकारियों उपस्थित थे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कलेक्टर को तीन दिनों में नगर भूमि सीमा अधिनियम 1976 के प्रावधानों को शासन स्तर से शिथिल करने के लिए केस प्रस्तुत करने के लिए कहा था। इसके 10 दिनों के बाद भी नियमितीकरण के संदर्भ में प्रशासन द्वारा कोई पत्र जारी नहीं किया गया है जिससे रहवासियों में काफी आक्रोश है।

तुलसी नगर में हुई बैठक में रहवासियों से सर्वसम्मति से लिया निर्णय।

तुलसी नगर में हुई बैठक में रहवासियों से सर्वसम्मति से लिया निर्णय।

सभी रहवासियों को मिलना चाहिए लाभ

सोसाइटी के सचिव शिवबहादुर सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन आंशिक रूप से तुलसी नगर को नियमित करने की बात कर रहा है। जबकि रहवासियों की मांग है कि मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए आदेशानुसार पूर्व में प्रचलित सीलिंग एक्ट की धाराओं को शिथिल करते हुए पूरी कॉलोनी के नियमित करने की सूचना जारी की जाए, जिससे सभी रहवासियों को इसका लाभ मिल सके।

पुराने सीलिंग एक्ट अवैध घोषित करना प्राकृतिक न्याय सिद्धांत के विरुद्ध

वार्ड 36 व 37 रहवासी महासंघ के संयोजक केके झा व संजय यादव ने बताया कि प्रदेश में सीलिंग एक्ट के खत्म किए जाने के लगभग 22 सालों बाद तत्कालीन कलेक्टर द्वारा जारी पत्र (वर्ष 2002) में छूट प्राप्त सीलिंग जमीन की सूची के आधार पर बिना सुनवाई के तुलसी नगर सहित शहर की अनेक वैध कॉलोनियों को अवैध घोषित कर दिया जो प्राकृतिक न्याय सिद्धांत के विरुद्ध है। उन्होंने कहा कि बिना किसी पक्षकारों की विधिवत सुनवाई के कॉलोनी को अवैध घोषित कर दिया गया जो न्यायोचित नहीं है। रहवासियों ने चेतावनी दी है कि जनसुनवाई में हम अपना पक्ष रखेंगे। इसके बाद अगर तीन दिनों में तुलसी नगर के नियमितिकरण का आदेश नहीं दिया तो रहवासी शांतिपूर्ण आंदोलन के साथ चुनाव का बहिष्कार करेंगे।

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