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मुकेश कचोलिया. इंदौर5 मिनट पहले
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मायावाद का चिंतन अर्थात् माया भी जगत हैl माया शब्द अपने आप में एक स्वस्थ चिंतन प्रदान करता हैl शरीर कल नहीं था कल नहीं रहेगा l जहां तत्व वाणी में देखने की ताकत है, जब तक दिख रहा है सब माया हैl पर्वत, समुद्र, धरती, आकाश, जन्म लेना सब माया हैl बड़ा होना माया है, वृद्ध होना माया हैl श्मशान में संस्कार भी माया है, माया के मर्म को कोई जान नहीं पाया, आज तक चारों और माया हैl शरीर क्षणभंगुर है, ये सारा संसार ही भगवन की माया हैl निर्गुण नाम साधना को अंगीकार करेंगे तो इसमें कभी विर्सजन नहीं होगा, साधना से जो प्रकाश उत्पन्न होगा, मन भक्ति ओतप्रोत हो जाएगाl यह बात शनिवार को अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी रामदयाल महाराज ने छत्रीबाग में चल रहे आत्मनिर्भर चातुर्मास समिति के धर्मसभा में कही।
माया अमर नहीं है फिर माया का प्रताप कैसा
संतों की अद्भुत अनुभूति है l माया कई प्रकार की है l फैक्ट्री, पत्नी बच्चे सब माया है l जैसे बादलों की छाया कब समाप्त हो जाए पता नहीं, इसलिए माया अमर नहीं है फिर माया का प्रताप केसा है? सब माया के वशीभूत हैl जीवन में जिसने परमात्मा का वरण कर लिया है, वो माया से दूर हैl शक्ति का वरण धर्म के साथ किया जाता हैl घोड़ा काम का प्रतीक है और नंदी धर्म का प्रतीक हैl इसीलिए जीव जब विवाह करता है तो घोड़े पर बैठकर जाता है। प्रभु भोलेनाथ ने विवाह किया तो नंदी पर बैठ कर गए l प्रभु पल को कल्प में और कल्प को पल में बदल सकते हैंl भगवान की माया अदभूत हैl कल्पना से परे स्वप्न देखते हो यह भी माया हैl विडंबना से परिपूर्ण है माया, टेलीपैथी के लिए अंदर की आवाज चाहिए और टेलीफोन के लिए शरीर की जरूरत हैl धरती में माया है, धरती पर माया है और धरती भी माया हैl माया चलायमान है, माया का उपयोग नहीं होगा, तो वह नष्ट हो जाएगीl
मन भ्रमित ना हो एक इष्ट की आराधना करे
गीता में श्रीकृष्ण भगवान कहते हैं कि अर्जुन मेरी माया है और बहुत बलवान है, जो भगवान की शरण हो गया, माया उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकतीl भजन में माया विघ्न पैदा करती हैl माया माया तो सब भजते हैं, माधव को अगर भज लिया तो माया आपकी चेली बन जाएगी l भगवान अर्जुन को दिव्य ज्ञान दे रहे हैंl मोह कीचड़ है माया कीचड़ है जिस दिन बुद्धि इससे ऊपर उठ जाएगी, उसी दिन तत्व ज्ञान प्राप्त हो जाएगा। बहुत सारे शास्त्र सुनने से बुद्धि संशय हो जाती है, इसीलिए सिर्फ एक राम को हा आश्रय करेंगे तो बुद्धि समत्व योग को प्राप्त हो जाएगीl भटकाने वाले दृश्य को छोड़कर एक नाम को पकड़े और जीवन का उद्धार करेl मन भ्रमित ना हो एक इष्ट की आराधना करेl योगेश्वर कृष्ण ने अर्जुन को बताया कि भगवत योग में बुद्धि काम करेगीl राम नाम की ताकत जिनके पास है उनके पितृ तो यू ही तर जाते हैं l पितृ कभी नाराज नहीं होते न उन्होंने कभी तुम को देखा और न तुमने उनको देखा। पूर्वजों के निमित्त सद कार्य करे, संपत्ति को सदकार्य में लगाए परंतु ईष्ट एक रखकर अपना और अपने कुल का उद्धार करेl जो कार्य करना मन वचन कर्म से एक होकर करें l करोड़ों नाम तीर्थ भूमि पर हुए हैं, वहा नाम सुमिरन करेंl आत्म कल्याण के लिए सबको धर्म का न्यौता दें। राम नाम का जप कर खुद का भी कल्याण करे जिससे समाज, राष्ट्र का भी कल्याण होगाl जगतगुरु आचार्य का स्वागत देवेंद्र मुछाल, रामनिवास मोड़, हेमंत काकानी, मुकेश कचोलिया, योगेश सोनी, लक्ष्मी कुमार मुछाल, आर डी फरक्या, दिनेश धनोतिया, आशीष सोनी आदि ने किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में भक्तों ने रामभजन किया।
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