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Protested for 5 hours and gave memorandum to Tehsildar | किसानों ने कहा- बारिश से खराब हो गई फसलें, सर्वें और मुआवजा दें सरकार

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बड़वानी36 मिनट पहले

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बड़वानी जिले के किसानों की विभिन्न समस्याओं के निराकरण को लेकर राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ ने मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय के बाहर धरना दिया। इस दौरान दोपहर 12 से 4 बजे तक किसान तहसीलदार को बुलाने की मांग पर अड़े रहे। इस दौरान नायब तहसीलदार भी मिलने आए, लेकिन किसान तहसीलदार को मिलने पर अड़े रहे। आखिर दोपहर 4 बजे तहसीलदार जगदीश वर्मा को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।

इस दौरान राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ जिलाध्यक्ष मदन मुलेवा सहित राजेंद्र पाटीदार, प्रकाश यादव, प्रकाश पटेल, अनिल इसके, अनिल काग सहित किसान मौजूद थे। किसानों ने मांगे जल्द पूरी नहीं होने पर किसान गांव गांव धरना आंदोलन कर आगामी चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा।

यह है प्रमुख मांग

गत दिनों में लंबा बारिश की खींच की वजह से फसल सूखने की कगार पर खड़ी थी और लगभग सारी फ़सल कुदरती खराब हो रही थी इस बीच अत्यधिक बारिश की वजह से किसानों की पूरी तरह चौपट हो गई है।

जिले में सैटेलाइट के माध्यम से सर्व करवाकर किसानों को 40 हजार प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए और यह राशि तत्काल किसानों के बैंक अकाउंट में डाली जाए ताकि वह अपने बच्चों की फीस बूढ़े मां-बाप की बीमारी के लिए कुछ खर्च कर सके एवं अपने परिवार का पेट पाल सकें।

अत्यधिक बारिश होने से जगह-जगह मकान टूट गए हैं और कई जगह पशुधन की हानि हुई है उनका भी सर्वे किया जाए और उनको उचित मुआवजा दिया जाए।

अतिरिक्त बारिश होने से मां नर्मदा नदी में बेग वाटर की वजह से मां नर्मदा किनारे बसे गांव लगभग पूरी तरह डूब गए। उन गांव में पूर्वों में किसानों की फसलें जो आगामी बोने के लिए बीज और घरों में रखी हुई। गेहूं चना कपास एवं अन्य सामग्री जो पानी से डूबने पर पूरी तरह बर्बाद हो गई। उन किसानों को भी सर्वे कर मुआवजा दिया जाए।

जिले में अत्यधिक बारिश की वजह से होने वाले नुकसान और नदी नाले की वजह से खेतों की मिट्टी बह गई है। उन किसानों की वापस मिट्टी की पाल बनाने और पाला बनाने के लिए भी मुआवजा दिया जाए। जिले में 100 प्रतिशत किसानों का नुकसान हुआ है।

किसानों का नुकसान का कुछ अंश तक भरपाई के रूप में 40 हजार एकड़ तत्काल रूप से उनके खाते में डाला जाए। प्रदेश की सरकार किसानों के हितैषी सरकार है। हम सरकार से अपेक्षा आशा करेंगे की किसानों की इस विपत्ति में सरकार ने हमको मदद करने की कोशिश की है।

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