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10 दिनी पर्युषण पर्व कल से होंगे शुरू
– फोटो : अमर उजाला
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जैन धर्मावलंबियों के आत्म आराधना के दस दिवसीय पर्यूषण पर्व इस वर्ष 19 सितंबर से धार्मिक प्रभावना के साथ प्रारंभ हो रहे हैं। आचार्य आर्जवसागर के शिष्य मुनि विलोक सागर एवं मुनि विबोध सागर का चातुर्मास छतरपुर में होने के कारण पर्युषण पर्व का उल्लास और भी बढ़ गया है। पर्यूषण पर्व पर नगर के जैन मंदिरों में आकर्षक विद्युत साज-सज्जा की गई है।
प्रो.सुमति प्रकाश जैन के अनुसार सृष्टि के प्रारम्भ होने के प्रतीक स्वरूप जैन धर्मावलंबी प्रति वर्ष भाद्रपद पंचमी से अनंत चतुर्दशी तक पूरे नियम, संयम और धार्मिक विधि विधान से दस दिवसीय पर्युषण पर्व मनाते हैं। इस वर्ष पर्युषण पर्व 19 सितंबर से प्रारंभ हो रहे हैं, जो कि 28 सितम्बर को सम्पन्न होंगे। इस अवसर पर नगर के कोतवाली के समीप स्थित जैन मंदिरों, हटवारा जैन मंदिर, अतिशय क्षेत्र डेरापहाड़ी जैन मंदिर, चेतगिरि जैन मंदिर, ग्रीन एवेन्यू जैन मंदिर आदि में पर्युषण पर्व पर प्रतिदिन सुबह से धार्मिक एवं आध्यात्मिक क्रियाएं जैसे श्री जी का अभिषेक-पूजन, प्रवचन आदि प्रारंभ हो जाएंगे। सायंकाल मंदिरों में आरती, प्रवचन और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे।
डॉ.जैन ने बताया कि धर्म के दस लक्षण उत्तम क्षमा धर्म, उत्तम मार्दव धर्म, उत्तम आजर्व धर्म, उत्तम शौच धर्म, उत्तम सत्य धर्म, उत्तम संयम धर्म, उत्तम तप धर्म, उत्तम त्याग धर्म उत्तम आकिंचन धर्म, उत्तम ब्रहचर्य धर्म होते हैं, जिनका पालन कर श्रावक आत्म – आराधना करते हैं। इस प्रकार इन दस पर्वों को पर्युषण पर्व के रूप में जैन समाज के श्रावक बड़ी धूमधाम से मनाते हैं।
जैन समाज के अध्यक्ष अरुण जैन, उपाध्यक्ष अजय फट्टा, रीतेश जैन, महामंत्री स्वदेश जैन, कोषाध्यक्ष जितेन्द्र जैन, सह मंत्री अजित जैन सहित समस्त कार्यकारिणी ने समाज के सभी बंधुओं को पर्युषण पर्व की शुभकामनाएं देते हुए इस अवसर पर होने वाले सभी धार्मिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में पूरे मनोयोग से भाग लेने का आव्हान किया है।
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