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नितिन तापड़िया.इंदौर37 मिनट पहले
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हिंदी भाषा भारतीयता का एहसास कराती है। यह राजभाषा जरूर है, लेकिन राष्ट्रभाषा का दर्जा अभी तक इसे नहीं मिला है। यह विश्व की सबसे समृद्ध भाषा है, जिसमें एक शब्द के लिए अनेक शब्द मौजूद हैं। हिंदी का साहित्यकार स्थिति एवं अर्थ के आधार पर शब्दों को इनमें से चुन सकता है और उपयोग करता है। हिंदी कंप्यूटर के लिए भी एक सर्वश्रेष्ठ भाषा है, वैज्ञानिकों के अनुसार हिंदी का उपयोग कंप्यूटर में श्रेष्ठ के साथ किया जा सकता है। ये बात गुरुवार को आर के डागा एकेडमी में आयोजित राष्ट्रीय हिंदी दिवस के अवसर पर साहित्यकार प्रभु त्रिवेदी ने कहीं। उन्होंने बच्चों से चर्चा करते हुए कहा कि हिंदी आपकी मातृभाषा है, इसे आप जीवन में अपनाए। वहीं अतिथि के रूप में शामिल लेखिका आशा मानधन्या ने बच्चों को हिंदी का महत्व समझाया।

दीप प्रज्जवलन के साथ हुई आयोजन की शुरुआत।
आर के डागा एकेडमी के अध्यक्ष घनश्याम झंवर, सचिव नितिन माहेश्वरी ने बताया कि आज राष्ट्रीय हिंदी दिवस के अवसर पर प्रभु त्रिवेदी का स्वागत करते हुए बड़ा हर्ष हो रहा है कि एक ऐसा साहित्यकार हमारे बीच में है जिसने दोहों के रूप में किताबें लिखकर नाम कमाया है और कहां की मातृभाषा का सम्मान हमें करना चाहिए क्योंकि कोई भी बच्चा अपनी मां का हमेशा सम्मान ही करता है उसे विस्मृत नहीं करता यह हमारे संस्कार है।
स्कूल में हुई भाषण प्रतियोगिता
“वैश्विक पटेल पर उभरते भारत की नई तस्वीर” विषय पर आयोजित भाषण प्रतियोगिता में बच्चों ने भारत की तारीफ की और चंद्रयान विषय को लेकर भारत की वैज्ञानिक आधारशिला को प्रतिपादित किया। साथ ही G-20 समिट को लेकर भी उन्होंने भारत के संस्कारों की महत्ता को रेखांकित किया और अमृत महोत्सव के द्वारा चलाए गए अभियान के बारे में बताते हुए देश को ऊंचाइयों पर पहुंचने के लिए किए गए प्रयासों की बानगी प्रस्तुत की।

आयोजन में बड़ी संख्या में स्टूडेंट शामिल हुए।
निर्णायक के रूप में अमिता पांचाल एवं कैलाश चंद शर्मा मौजूद थे। प्रथम पुरस्कार श्रुति मोहनानी तीरथ बाई कलाचंद स्कूल, द्वितीय पुरस्कार सृष्टि चौबे सराफा विद्या निकेतन एवं तृतीय पुरस्कार संस्कृति अदानिया तीरथ बाई कलाचंद स्कूल को मिला। इस अवसर पर विद्यालय की उपाध्यक्ष शोभा महेश्वरी, कोषाध्यक्ष नितिन तापड़िया, मनोज कुइया, महेश तोतला उपस्थित थे।
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