[ad_1]
भोपाल28 मिनट पहले
- कॉपी लिंक

भोपाल नगर निगम परिषद की मीटिंग 11 सितंबर को होगी। इसमें सड़क, मैदान और आवासीय परिसर के नामकरण के प्रस्ताव भी आएंगे। इनमें हमीदिया रोड का नाम गुरुनानक मार्ग, मालीखेड़ी दशहरा मैदान का नाम पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर पर करने के प्रस्ताव शामिल हैं। इधर, मीटिंग के एजेंडे में जनता से जुड़े मुद्दों को शामिल किए जाने की मांग विपक्ष ने की है।
विधानसभा चुनाव से पहले नगर निगम परिषद की मीटिंग कई मायनों में खास मानी जा रही है। मीटिंग के जरिए वोटरों को साधने की कोशिश भी होगी। इसके चलते 11 सितंबर को मीटिंग प्रस्तावित की गई है। इसका एजेंडा भी लगभग फाइनल हो गया है।
ये प्रस्ताव आ सकते हैं
- भोपाल टॉकीज चौराहे से अल्पना टॉकीज तिराहे तक हमीदिया रोड का नाम परिवर्तित कर ‘गुरुनानक मार्ग’ किए जाने का प्रस्ताव।
- कोकता ट्रांसपोर्ट नगर में प्रधानमंत्री आवासीय परिसर का नाम पूर्व मुख्यमंत्री स्व. बाबूलाल गौर के नाम पर ‘बाबूलाल गौर आवासीय परिसर’ करने का प्रस्ताव।
- मालीखेड़ी प्रधानमंत्री आवासीय परिसर का नाम पूर्व विधायक स्व. गौरीशंकर कौशल के नाम पर ‘गौरीशंकर कौशल आवासीय परिसर’ किए जाने का प्रस्ताव।
- मालीखेड़ी दशहरा मैदान का नाम पूर्व मुख्यमंत्री स्व. बाबूलाल गौर के नाम पर ‘बाबूलाल गौर दशहरा मैदान’ करने का प्रस्ताव।
मीटिंग में जनता से जुड़े मुद्दों को लेकर कांग्रेस की मांग
परिषद की मीटिंग में जनता से जुड़े मुद्दों को शामिल किए जाने की मांग विपक्ष ने की है। इस संबंध में नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी ने महापौर मालती राय करे लेटर भी सौंपा है।
- पीने के पानी की शुद्धता के लिए वाटर सप्लाई सिस्टम में निगम की क्या व्यवस्थाएं हैं। बड़ा तालाब का पानी पीने योग्य बनाने के लिए प्रतिमाह कितना खर्च वहन किया जाता है। गुणवत्ता के क्या मापदंड है, आदि के बारे में निगम को अवगत कराया जाए।
- निगम कर्मचारियों को सातवें वेतनमान की दूसरी किश्त जल्दी दी जाए।
- निगम कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिल रहा है। इसके पीछे कौन जिम्मेदार हैं समेत वेतन वितरण की क्या प्रक्रिया है, इस बारे में सदन को अवगत कराया जाए।
- निगम के पार्षदों की पार्षद निधि को फाइलों में अब तक बजट बुक नहीं किया गया है। जिन फाइलों को बजट बुक में किया भी गया है तो वे टेंडर कमेटी में पड़ी है। जिन फाइलों में टेंडर हो चुके हैं, उनके वर्क आर्डर जारी नहीं किए गए हैं। जानबुझकर धीमी गति से छोटे-छोटे विकास कार्यों की प्रक्रिया की जा रही है। यह जनप्रतिनिधियों के अधिकारों का हनन है।
- निगम के छोटे-छोटे ठेकेदारों का पेमेंट नहीं हो रहा है। इससे पार्षद निधि के कार्य प्रभावित हो रहे हैं और वार्ड स्तर के विकास कार्य भी रूके हुए हैं। दूसरी ओर बड़े ठेकेदारों का पेमेंट किया जा रहा है।
- शहर के कई इलाकों में एलईडी लाइट एक महीने में ही खराब हो गई है। कई स्थानों पर रात में स्ट्रीट लाइटें नहीं जलती। एलईडी लाइट की गारंटी एवं नियम-शर्तें, सप्लायर द्वारा क्या अनुबंध किए गए थे, उस आधार पर क्या कार्रवाई हुई आदि को लेकर सदन में चर्चा की जाए।
[ad_2]
Source link



