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Annadata in trouble due to monsoon break | कम बारिश से सूख रही फसल, अब जल्द पानी नहीं बरसा तो पूरी फसल हो जाएगी खराब

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उज्जैन23 मिनट पहलेलेखक: आशीष दुबे

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ग्राम गंगेड़ी में कम बारिश होने की वजह से इस तरह खेतों में दरारें आ चुकी हैं। - Dainik Bhaskar

ग्राम गंगेड़ी में कम बारिश होने की वजह से इस तरह खेतों में दरारें आ चुकी हैं।

अगस्त माह से लगे मानसून के ब्रेक ने अन्नदाताओं की चिंता बढ़ाते हुए उन्हें मुश्किल में डाल दिया है। अगस्त में हुई कम बारिश की वजह से सोयाबीन की फसल बुरी तरह प्रभावित हो रही है। मानसून सीजन में भी बारिश नहीं होने और तेज धूप निकलने की वजह से कई जगह खेतों में फसल सूख चुकी है, तो कहीं फली बारीक रह गई है। किसानों का कहना है कि उन्होंने किसी तरह कर्ज लेकर बोवनी की थी लेकिन अब आगे सिर्फ नुकसान ही नुकसान नजर आ रहा है। वहीं किसानों के साथ ही कृषि विशेषज्ञों का भी मानना है कि जल्द ही बारिश नहीं हुई तो फसल लगभग पूरी तरह ही खराब होने की संभावना बढ़ जाएगी। भास्कर ने तीन गांवों का भ्रमण कर किसानों से जानकारी ली तो किसानों ने अपनी पीड़ा बताते हुए फसलों की वास्तविक स्थिति दिखाई।

ग्राम गंगेड़ी : सोयाबीन की फसल तो प्रभावित हुई, खेतों में भी आ गईं दरारें

उज्जैन से करीब 12 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम गंगेड़ी में कई खेतों में फसल सूख कर पीली पड़ चुकी है। कई खेत ऐसे हैं, जहां पानी की कमी से जमीन में दरारें आ चुकी हैं। ग्राम के किसान परमानंद बागवान, ईश्वर पोरवाल, अंतर पोरवाल, कालू बागवान, धर्मेंद्र बागवान आदि ने बताया सोयाबीन की फसल को बारिश का पानी नहीं मिलने की वजह से दाना नहीं बन पाया है। फसलें भी लगातार सूख कर पीली हो चुकी हैं। पानी सतह में नहीं जाने की वजह से खेतों में दरारें आ चुकी हैं। इससे अब आगे भी नुकसान होना तय है। अगर दो-तीन दिनों में बारिश नहीं हुई तो हम आर्थिक रूप से लंबी अवधि के लिए परेशान हो जाएंगे।

कम अवधि की फसल को ज्यादा हुआ नुकसान, किसान फव्वारा सिंचाई जरूर करें

प्रधान कृषि वैज्ञानिक डॉ. आरपी शर्मा ने बताया अगस्त से लेकर अब तक बारिश की कमी की वजह से फसलों को नुकसान हुआ है। इसमें कम अवधि वाली फसल को ज्यादा नुकसान हुआ है। लंबी अवधि वाली फसल में भी नुकसान तो है। किसान फव्वारा सिंचाई जरूर करते रहें। जिससे जल्द बारिश होने पर लंबी अवधि वाली फसल में नुकसान कम होगा। डॉ. शर्मा ने बताया अगर 10 दिनों के भीतर बारिश नहीं हुई तो फसलों को बहुत ज्यादा नुकसान होने की संभावना है।

ग्राम हासामपुरा : फली बारीक रह गई, दो-तीन दिन में बारिश नहीं हुई तो किसानों पर और बढ़ेगा संकट

उज्जैन से लगभग 15 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम हासामपुरा में कई जगह फसल सूख चुकी है, तो वहीं कई खेतों में फसल सूखकर आड़ी हो गई है। किसान सोहन बागवान और चंदरसिंह पटेल ने बताया बारिश में जिस पानी की इन फसलों को आवश्यकता थी, वह नहीं बरसा। इसलिए सोयाबीन सूख गई और फली बारीक रह गई है। स्थिति यह है कि अभी भी अगर दो-तीन दिन में बारिश होकर फसल को पानी मिलेगा तो 5 क्विंटल प्रति बीघा की बजाय केवल 50 किलोग्राम से एक क्विंटल तक ही प्रति बीघा आवक हो सकेगी। अगर दो-तीन दिन में बारिश नहीं हुई तो हमारे ऊपर नुकसान का संकट और ज्यादा बढ़ जाएगा।

गोंदिया का किसान फसल दिखाते हुए।

गोंदिया का किसान फसल दिखाते हुए।

ग्राम गोंदिया : फसल के लिए 3 लाख का कर्जा लिया, अब अगली बोवनी के लिए दोबारा कर्ज लेना पड़ेगा

शहर से करीब 14 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम गोंदिया के रास्ते में पड़ने वाले खेतों में बारिश की कमी से बर्बाद हुई फसलों का नजारा स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। ग्राम गोंदिया के किसान बालू सिंह, रायसिंह पटेल, गणेश सिंह, अंबाराम सहित अन्य किसान बताते हैं कि वे रोज खेतों में जाते जरूर जाते हैं लेकिन फसल को देखकर मायूस चेहरा लिए लौट जाते हैं। किसान बालू सिंह ने बताया उन्होंने अपनी 20 बीघा जमीन में सोयाबीन की बोवनी की थी लेकिन पानी की कमी से फसल पूरी तरह सूख चुकी है। इसे अब केवल उखाड़ कर फेंका ही जा सकता है। इस फसल के लिए 3 लाख रुपए का कर्जा लिया था। इसमें बोवनी के साथ खाद-बीज, दवाइयों का छिड़काव आदि में राशि खर्च हो गई। फसल तो नहीं आएगी लेकिन कर्जा बना रहेगा। अब अगली फसल के लिए दोबारा कर्ज लेकर बोवनी करना पड़ेगी।

प्रधान कृषि वैज्ञानिक डॉ. आरपी शर्मा ने बताया अगस्त से लेकर अब तक बारिश की कमी की वजह से फसलों को नुकसान हुआ है। इसमें कम अवधि वाली फसल को ज्यादा नुकसान हुआ है। लंबी अवधि वाली फसल में भी नुकसान तो है। किसान फव्वारा सिंचाई जरूर करते रहें। जिससे जल्द बारिश होने पर लंबी अवधि वाली फसल में नुकसान कम होगा। डॉ. शर्मा ने बताया अगर 10 दिनों के भीतर बारिश नहीं हुई तो फसलों को बहुत ज्यादा नुकसान होने की संभावना है।

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