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Uproar after patient’s death in hospital | परिजनों और डॉक्टर्स के बीच मारपीट, एंबुलेंस लेट होने और मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं देने की बाद पर विवाद

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हरदा20 मिनट पहले

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शनिवार रात को जिला अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद देर रात तक जमकर हंगामा हुआ। जिसमें डॉक्टर्स और मरीज के परिजनों के बीच हाथापाई भी हुई। हंगामे की सूचना पर बड़ी संख्या में पुलिस अस्पताल पहुंची और हंगामा कर रहे युवकों को समझाइश दी। लेकिन गुस्से में आए परिजनों ने ड्यूटी डॉक्टर्स के साथ उनके केबिन में घुसकर झूमाझटकी की।

परिजनो का कहना था कि भोपाल ले जाने के लिए काफी समय तक हम एम्बुलेंस आने का इंतजार करते रहे लेकिन एम्बुलेंस के लेट आने से मरीज की मौत हो गई। उधर मरीज के परिजनों के द्वारा डॉक्टर्स के साथ की गई मारपीट व गाली गलौज के बाद अस्पताल के सभी डॉक्टरों ने काम करना बंद कर दिया। जिससे करीब एक से डेढ़ घंटे दूसरे मरीजों को भी परेशान होना पड़ा। जिसके बाद एसडीएम आशीष खरे ने की समझाइश के बाद डॉक्टरों और अन्य स्टाफ ने काम शुरू किया। हालांकि दोनों पक्षों की ओर से अभी तक कोई रिपोर्ट थाने दर्ज नहीं कराई गई है।

जानकारी के अनुसार सिविल लाइन थाना क्षेत्र के ग्राम कुकरावद में रहने वाले सुरेश बेलदार उम्र 55 साल को उनके परिजनों ने शनिवार शाम करीब साढ़े पांच बजे के आसपास गम्भीर हालत में इलाज के लिए लाए थे। जहां उनकी गम्भीर हालत को देखने के बाद डॉक्टर्स ने उन्हें किसी बड़े शहर में उपचार के लिए ले जाने की सलाह दी थी, लेकिन मरीज के परिजनों ने लिखित रूप में जिला अस्पताल में ही उनका उपचार कराने की सहमति प्रदान की गई थी। जिसके बाद करीब 8 बजे के आसपास मरीज की हालत और अधिक बिगड़ने के बाद परिजनों ने उन्हें बाहर ले जाने की बात मान गए। इस पर ड्यूटी डॉक्टरों ने एम्बुलेंस को फोन लगाया।

लेकिन जब तक एम्बुलेंस अस्पताल पहुंची तब तक मरीज की मौत हो चुकी थी। जिसके बाद परिजनों ने एम्बुलेंस देरी से आने और तत्काल डेथ सर्टिफिकेट देने की बात को लेकर जमकर हंगामा किया। सिविल सर्जन डॉ मनीष शर्मा ने कहा कि हमारे द्वारा संबंधित मरीज की सभी जांचे कराने के साथ सिटी स्कैन भी कराया गया था। वहीं परिजनों को बाहर ले जाने को कहा गया था।लेकिन मरीजों ने यही पर उपचार कराने की लिखित सहमति दी गई थी।

उन्होंने बताया कि करीब 9 बजे मरीज की मौत के बाद उनके परिजनों ने हमारे ड्यूटी डॉक्टर के साथ गाली गलौज कर उनके ऊपर बोतल फेंकी और झूमाझटकी की। जिसके बाद सभी डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ ने काम बंद कर दिया। उन्होंने कहा कि उपचार के बाद भी डॉक्टरों के साथ इस तरह का अभद्रता करने से सभी में रोष है।

उधर मरीज के परिजनों का आरोप है कि उन्हें ड्यूटी डॉक्टर ने एम्बुलेंस आने के नाम पर करीब 4 घंटे तक बहलाया गया। तब तक हमारे मरीज की मौत हो गई। वहीं हमारे भाइयों के साथ डॉक्टरों ने पुलिस की मौजूदगी में अस्पताल के मुख्य गेट की शटर बंद कर मारपीट की है।

उधर सिटी कोतवाली टीआई अब्दुल रईस खान ने बताया कि मरीज की मौत के बाद बॉडी ले जाने के पहले परिजनों के द्वारा मृत्यु प्रमाण पत्र मांगे जाने की बात को लेकर विवाद हो गया था।जिसमें दोनों पक्षों के बीच झूमाझटकी हुई। दोनों पक्षों की बात सुनी जाएगी। फिलहाल किसी भी पक्ष ने कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई है।

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