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उज्जैन33 मिनट पहले
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बीजेपी ने विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्यशियों की पहली लिस्ट जारी की है। इसमें मालवा क्षेत्र के दो सीटें जिसमे घट्टिया और तराना शामिल है। तराना जिले में बीजेपी प्रत्याशी ताराचंद गोयल को टिकट मिलने से नाराज कार्यकर्ताओं के बगावती सुर गुजरात से आये विधायकों को सुनने को मिले। इसका वीडियो भी वायरल हुआ है। हालाँकि गुजरात के विधायक कह रहे है कि कोई विरोध नहीं है।
मध्यप्रदेश में भाजपा ने हारी हुई जिन 39 सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए हैं, उनमें से कई सीटों पर प्रत्याशी के खिलाफ कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा। वरिष्ठ नेताओं को डैमेज कंट्रोल में लगाया गया है। इसके बावजूद कुछ सीटों पर असंतुष्टों ने चुनाव में सीट गंवाने तक की बात कह रहे हैं।
गुरुवार को गुजरात से तराना पहुंचे विधायक कल्पेश भाई परमार फीडबैक के लेने के साथ ही अन्य दावेदारों से संवाद करने पहुंचे। इसके अलावा पार्टी के पदाधिकारियों विधानसभा क्षेत्र मे आने वाले मंडलों के अध्यक्षों से भी बात की। इस दौरान बूथ अध्यक्ष और दावेदारों ने बीजेपी के पहली लिस्ट में शामिल नाम ताराचंद गोयल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि जिसे प्रत्याशी बनाया है, वो बीते 15 साल से घर बैठा था। एकाएक उन्हें प्रत्याशी घोषित कर दिया।
पिछली बार 3 हजार वोट से हारे थे। इस बार 10 हजार वोट से हारेगी बीजेपी। कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि ताराचंद गोयल को टिकट दिया, लेकिन सब नया चेहरा लाना चाहते थे। पूर्व विधायक अनिल फिरोजिया भी अच्छे केंडिडेट थे, लेकिन नए चेहरा लाना था जैसे मदन लाला चौहान, शक्ति सिंह परिहार, लक्ष्मी नारायण मालवीय किसी को भी देना था सभी सक्रिय नेता थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं नहीं दिया गया। यही बात गुजरात से आए विधायक के सामने रखी है।
जंग लगे सरिये को मार्केट में ला रहे हो, कौन लेगा
पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष रहे मदन लाल चौहान को इस बार तराना विधानसभा सीट का प्रमुख दावेदार माना जा रहा था। उन्होंने बताया कि विरोध इस बात का था कि भारतीय जनता पार्टी में जो लोग काम कर रहे है उन्हें पद नहीं मिल रहा है, 15 वर्ष से घर बैठे कार्यकर्ता को टिकट दे दिया गया इसका विरोध था हमने अपनी बात रखी है। जंग लगे सरिये को मार्केट में ला रहे हो कौन लेगा।
सर्वे करवाकर टिकट देना था
बूथ अध्यक्ष पप्पू पाटीदार ने कहा कि टिकट का हमसे पूछा तक नहीं। सर्वे करवाकर टिकट देना था। आज भी सर्वे करवा लो, चार पांच नाम सबसे ज्यादा सामने आएंगे। नए आए लोगों को युवा मोर्चा में जिला उपाध्यक्ष सहित कुछ अन्य लोगों को दूसरे पद दे दिए गए। युवा मोर्चा में कांग्रेस से आए लोगों को पदाधिकारी बना दिया है। बूथ अध्यक्ष को पूछते भी नहीं हैं। उनको सिर्फ वोटिंग के समय बुलाते हैं। कार्यकर्ता को पद नहीं मिल रहा। जिनके पिता कांग्रेस का काम कर रहे हैं, उनको पद दिया जा रहा है। टिकट वितरण में मंडल अध्यक्ष से पूछा नहीं है।
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