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खंडवा26 मिनट पहले
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खंडवा के बहुचर्चित धनराज कनाड़े हत्याकांड में जिला न्यायालय ने फैसला सुनाया है। केस में 3 आरोपियों को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया। वहीं मुख्य आरोपी रहे फिरोज उर्फ राजा पिता अकरम निवासी गुलमोहर कॉलोनी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। सजा विशेष न्यायाधीश एट्रोसिटी एक्ट प्रकाशचंद्र आर्य की कोर्ट ने दी है। 10 हजार रूपए का अर्थदंड भी लगाया है। केस में पैरवी उप संचालक अभियोजन एमएल सोलंकी ने की। इस हत्याकांड के पीछे शहर में धार्मिक उन्माद फैलाने का मकसद था।
अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी हरिप्रसाद बांके के मुताबिक, 10 अगस्त 2020 को पंधाना रोड स्थित महिंद्रा शोरूम के सामने धनराज पिता भैय्यालाल कनाड़े की हत्या कर दी गई थी। दुबे कालोनी निवासी धनराज सुबह 7 बजे के करीब मंडी से सब्जी खरीदकर जा रहा था। नकाबपोश बदमाशों ने चाकू से गोदकर उसकी हत्या कर दी थी। उस समय शहर में बदले की भावना में लगातार तीन हत्याकांड हुए थे। धनराज की किसी से कोई रंजिश नहीं थी। सिर्फ यह था कि वह महादेवगढ़ संगठन की टी-शर्ट पहना हुआ था।
मामले में पुलिस ने वारदात के दूसरे दिन ही मुख्य आरोपी फिरोज उर्फ राजा को फरार होने में मदद करने वाले सह आरोपी सोहेल उर्फ सोनू पिता मुबारिक चौहान (23) निवासी कब्रिस्तान रोड को गिरफ्तार किया था। केस में पुलिस ने अशफाक सिगड को भी आरोपी बनाया था। आरोपियों ने कबूला था कि 20 जुलाई 2020 को धातपुरा रेलवे माल गोदाम में हुए हत्याकांड की रंजिश में वारदात की थी। इधर, कोर्ट ने फैसले में टिप्पणी करते हुए लिखा कि, यह कृत्य समाज के लिये हितकर नहीं है। ऐसे अपराधों से समाज पर कुठाराघात पहुंचता है। इसलिये ऐसे अपराधों में संलिप्त अपराधी को न्यायोचित दण्ड अधिरोपित किया जाना वर्तमान सामाजिक परिवेश में अत्यन्त आवश्यक है। क्योंकि ऐसी घटनाओं से समाज में भय का वातावरण निर्मित होता है।
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