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In side story of catching stolen mobile | चोरी के 625 मोबाइल पकड़ाए तो सामने आया गोरखधंधा, 2 घंटे में ऐसे आरोपी तक पहुंची पुलिस

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इंदौर29 मिनट पहले

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इंदौर पुलिस ने चोरी के मोबाइल ठिकाने लगाने वाली गैंग का खुलासा कर दिया है। पुलिस पांच लोगों की लिंक को पकड़ते हुए असली बदमाश तक पहुंच गई। चोरी के मोबाइल ठिकाने लगाने वाला बदमाश व्यापारी फ्लैट लेकर मोबाइल की लैब चलाने लगा। यहीं से मोबाइल के आईएमईआई और सॉफ्टवेयर में बदलाव कर बाजार में बेचता था।

वह शहर चोरों और लुटेरों से मोबाइल सस्ते दामों पर खरीदकर उनके सॉफ्टवेयर बदल देता था। रावजी बाजार पुलिस के जवान जब इस फ्लैट तक बदमाशों का पीछा करते हुए पहुंचे। इतने मोबाइल देखकर वे भी चौंक गए। उन्होंने मामले में वरिष्ठ अफसरों को मौके पर ही बुला लिया। इसके बाद सभी मोबाइल जब्त कर थाने ले गए।

रावजी बाजार इलाके में शुक्रवार को इत्र बेचने वाले मोहम्मद अमीन का डेढ़ लाख रुपए मूल्य का आईफोन पलसीकर पर विक्की उर्फ नादिया निवासी अर्जुन मल्टी चुराकर ले गए। आरोपी ने सर पर हाथ रखने की बात की और मोहम्मद अमीन निवासी टाटपट्‌टी बाखल की जेब से आईफोन चुरा लिया। अमीन तत्काल रावजी बाजार थाने पहुंचा। यहां से पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के बाद केस दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी।

दो घंटे में व्यापारी तक पहुंचा चोरी मोबाइल
रावजी बाजार पुलिस शुक्रवार से शनिवार दोपहर लगातार फुटेज निकालने में जुटी रही। इधर थाने के सिपाही मुकेश और धर्मेंद्र को विक्की की लोकेशन मिली। पुलिस ने विक्की को पकड़ा तो उसने अर्जुन को बेचने की बात कही। विक्की की निशानदेही पर पुलिस ने अर्जुन को पकड़ लिया। अर्जुन ने कृष्णा का नाम लिया।

कृष्णा को रंगेहाथ पकड़ने के लिए सिपाही मुकेश ने अपना मोबाइल अर्जुन को दिया। कहा इसे कृष्णा को भेजो और सौदा तय करो। सौदा 6 हजार में तय हुआ और कृष्णा ने शुभम और वरुण नाम के युवकों को मोबाइल लेने पुलिस के बताए पते पर फूटी कोठी चौराहे भेजा।

शुभम पकड़ाया तो उसने बताया जितेंद्र का नाम, वरुण भागा
पुलिस के जवानों ने मोबाइल लेने आए शुभम को तो पकड़ लिया। लेकिन दूर से रैकी कर रहा वरुण मौका देखकर भाग गया। दोनों पुलिसकर्मियों ने वरुण की जानकारी निकाली तो पता चला कि वह अन्नपूर्णा मंदिर इलाके में रहता है। पुलिस उसके घर पहुंची तो वरुण नहीं मिला। लेकिन इसी बीच उसके पिता ने पूछताछ में बताया कि वरुण जितेन्द्र वाधवानी निवासी राजमल कॉलोनी को मोबाइल बेचता है। जिसका जेल रोड पर मोबाइल हेरफेर का बड़ा काम है।

जितेंद्र वाधवानी। इसने अपने ही फ्लैट में मोबाइल के सॉफ्टवेयर में हेरफेर करने के लिए लैब खोल रखी थी। वह यहां चोरी के मोबाइल और अवैध तरीके से खरीदे-बेचे गए मोबाइल के सॉफ्टवेयर बदल देता था। यहां से जेल रोड के व्यापारी उससे मोबाइल खरीदते थे।

जितेंद्र वाधवानी। इसने अपने ही फ्लैट में मोबाइल के सॉफ्टवेयर में हेरफेर करने के लिए लैब खोल रखी थी। वह यहां चोरी के मोबाइल और अवैध तरीके से खरीदे-बेचे गए मोबाइल के सॉफ्टवेयर बदल देता था। यहां से जेल रोड के व्यापारी उससे मोबाइल खरीदते थे।

माल पैककर भागने की तैयारी
पुलिस को यहां से जितेन्द्र के घर की जानकारी लगी। दोनों पुलिसकर्मी रात में ही जितेंद्र के फ्लैट पर शुभम को लेकर पहुंचे। यहां बैग में मोबाइल रखकर दोनों जितेन्द्र का कर्मचारी हेमत निकलने की तैयारी में था। उसके पहले पुलिस के जवानों ने फ्लैट का गेट बजाया। काफी देर तक हेमंत ने गेट नहीं खोला। इधर टीआई आलोक को मामले की जानकारी दी गई। वह बल के साथ बिल्डिंग में पहुंचे तो अंदर मोबाइलों का जखीरा पड़ा मिला। जिसमें करीब 625 मोबाइल रखे हुए थे।

फ्लैट पर बना रखी थी लैब, यहीं से जेलरोड़ भेजता था मोबाइल
जितेन्द्र जेल रोड पर मोबाइल बेचने का काम करता है। उसने फ्लैट पर ही एक कमरे में मोबाइल लैब बना रखी थी। यहां चोरी के मोबाइल में वह हेरफेर करके उसे मार्केट में ठिकाने लगा देता था। पुलिस के मुताबिक जितेन्द्र अभी फरार है। उसने अपना मोबाइल भी बंद कर लिया है। उसके पकड़ाने के बाद अभी जेल रोड के और व्यापारियों के नाम सामने आएंगे।

बताया जाता है कि जूनी इंदौर में पिछले दिनों जितेन्द्र को पकड़ा था। लेकिन वह यहां से बच निकला था। भंवरकुआ मोबाइल लूट कांड में भी पकड़ाए आरोपियों में जितेन्द्र का नाम सामने आया। लेकिन पुलिस ने इस दौरान उस पर कोई कार्रवाई नहीं की।

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