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Tricolor hoisted on Mount Elbrus peak of Europe | अंकित ने बताई सफर की कहानी…ना आक्सीजन थी, और ना हिम्मत पर तिरंगे का था जोश

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जबलपुर29 मिनट पहले

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हर किसी का सपना होता है वो कुछ ऐसा करें कि उसे देश दुनिया में याद किया जाए। कुछ इस तरह के जज्बातों को लेकर इन दिनों मध्यप्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर का माउंटेनमैन नित नए रिकार्ड बना रहा है। हिमालय माउंट जोगिन फिर माउंट युनाम फिर माउंट किलिमंजारो और अब माउंट एलब्रुस में तिरंगा झंडा फहराकर मध्यप्रदेश के अंकित ना सिर्फ जबलपुर बल्कि एमपी का नाम भी रोशन कर रहें है। 15 अगस्त 2023 को अंकित ने माउंट एलब्रुस में तिरंगा ध्वज लहराकर मध्यप्रदेश का नाम रोशन किया है। जबलपुर के अंकित का अब अगला लक्ष्य माउंट एवरेस्ट की चोटी पर जाकर देश का तिरंगा ध्वज लहराने का है।

जबलपुर के पाटन विधानसभा की एक के छोटे से गांव पड़रिया का रहने वाला 24 वर्षीय अंकित सेन आज माउंटेन मैन के नाम से जाना जाता है। अंकित बेहद ही सामान्य परिवार से आता है। बीकॉम तक की पढ़ाई करने वाले अंकित का सपना है कि वह पुलिस में एक बड़ा अधिकारी बने। अंकित के पिता मजदूरी करते हैं। परिवार के पास इतने पैसे नही है कि वह अंकित की जरूरतो को पूरा कर सके। इसलिए अंकित जॉब माउंटेन की प्रेक्टिस भी करते है। अंकित का सपना है कि वह कुशल पर्वतारोही बने। जबलपुर के माउंटेन मैन अंकित सेन ने 2014 से पर्वतारोही कर रहें है, इस दौरान उन्होंने उन्होंने विभिन्न उपलब्धियां भी प्राप्त की हैं।

15 अगस्त 2023 को अंकित ने अपने आठ साथियों के साथ माउंट एलब्रुस चोटी जिसकी ऊंचाई 5642 मीटर है वहां पहुंचकर तिरंगा झंडा फहराया। जिस समय अंकित माउंट एलब्रुस में था, उस समय वहां पर माइनस 20 डिग्री तापमान था। अंकित ने बताया कि अब उसका लक्ष्य देश की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट है जो कि 8848 मीटर ऊंची है।

पढ़े अंकित और उसके साथियों की तूफानी यात्रा…

जबलपुर निवासी अंकित 10 अगस्त को जबलपुर से दिल्ली होते हुए अपने सात अन्य साथियों के साथ रूस की राजधानी मास्को के लिए रवाना हुए और 12 अगस्त को मास्को के त्रिस्कोल पहुंचे। अपने आपकों वहां के वातावरण में ढालने के लिए अंकित और उसके साथी दो दिन तक वही रुके। त्रिस्कोल का तापमान उस समय माइनस सात था। अंकित अपने साथियों के साथ माउंट एलब्रुस के लिए 14 अगस्त की रात को निकल गए। लक्ष्य था कि हर हाल में 15 अगस्त की सुबह माउंट एलब्रुस चोटी पर पहुंचना है। अंकित और उसके साथी जैसे-जैसे ऊंचाई पर जा रहें थे, वैसे-वैसे आक्सीजन कम हो रही थी और तापमान भी माइनस में जा रहा था। कुछ दूर चलते ही सांस फूल रही थी। एक तो आक्सीजन कम ऊपर से ठंड ऐसी की रूह कांप जाए। जैसे-जैसे ये लोग ऊपर चोटी तरफ जा रहें थे वैसे-वैसे सफर और खतरनाक हो रहा था। रास्ते में भूख लगी तो ड्राई फ्रूट्स खाया। मंजिल बस थोड़ी ही दूर पर हिम्मत भी जवाब दे रही थी। आखिरकार सुबह सात बजे वो समय आ गया जब अंकित ने भारत का तिरंगा झंडा माउंट एलब्रुस चोटी पर फहराया। अंकित ने अपनी जर्नी की फोटो और वीडियो परिवार एंव दोस्तों को शेयर भी की।

जबलपुर निवासी अंकित के अलावा इस माउंट एलब्रुस की यात्रा में कलकत्ता से रमेश और महुआ विश्वास, बेंगलूरू से तुषार, उत्तरप्रदेश से रजनी, दिल्ली से कृष्णइंदू और एमपी रायसेन से अंजना यादव थी। माउंट एलब्रुस चोटी से वापस त्रिस्कोल आने के बाद दैनिक भास्कर से बात करते हुए अंकित ने बताया कि 14 अगस्त की रात से 15 अगस्त की सुबह तक का सफर बहुत ही खतरनाक था। एक पल तो ऐसा लग रहा था कि शायद यह सफर अंतिम ना हो। माइनस 20 पर 5642 मीटर ऊंची चोटी तक पहुंचना बहुत ही ज्यादा कठिन था। अंकित का कहना है कि अब हमारा अगला टारगेट माउंट एवरेस्ट की चोटी पर जाना है।

बेसिक और एडवांस माउंटेनियरिंग कोर्स करके अपने लक्ष्य की ओर 2014 से अंकित ने आगे बढ़ना शुरू किया। माउंटेन मैन अंकित सेन ने अभी तक 2017 में उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालय माउंट ‘जोगिन’, जिसकी ऊंचाई 6,116 मीटर वहां पर देश का तिरंगा झंडा फहराया था। इसके बाद 2022 में हिमाचल प्रदेश के माउंट ‘यूनाम’, जिसकी ऊंचाई 6,111 मीटर थी वहां पर देश का तिरंगा फहराया। 19 से 29 जनवरी 2023 को माउंट ‘किलिमंजारो’ अफ्रीका में आयोजित माउंटेनियरिंग कैंप में उन्होंने भाग लिया था।

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