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BJP declared its candidate from Chitrakoot | चौथी बार पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह गहरवार को मौका मिला

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सतना27 मिनट पहले

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मप्र विधानसभा चुनाव की बिसात में भाजपा ने अपने मोहरे आगे बढ़ाते हुए सतना की चित्रकूट समेत प्रदेश की 39 सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। सतना जिले की चित्रकूट विधानसभा सीट से भाजपा ने एक बार फिर पूर्व विधायक सुरेन्द्र सिंह गहरवार पर ही भरोसा जताया है।

भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने सतना जिले की चित्रकूट विधानसभा सीट पर पूर्व विधायक सुरेन्द्र सिंह गहरवार को एक बार फिर भाजपा प्रत्याशी घोषित किया है। जिला पंचायत सतना के उपाध्यक्ष और फिर कार्यवाहक अध्यक्ष रहे गहरवार वर्ष 2008 में पहली बार भाजपा के टिकट पर विधायक निर्वाचित हुए थे। उन्होंने उस वक्त कांग्रेस के प्रेम सिंह को पराजित किया था। हालांकि गहरवार 2013 में अपनी सीट नही बचा पाए थे और प्रेम सिंह ने उन्हें 10 हजार 970 मतों से हरा कर कुर्सी वापस छीन ली थी। प्रेम सिंह के निधन के बाद चित्रकूट उपचुनाव में भाजपा ने यहां शंकर दयाल त्रिपाठी के रूप में नए चेहरे को मैदान में उतारा था। लेकिन शंकरदयाल जनता का विश्वास नहीं जीत पाए और यहां कांग्रेस के नीलांशु चतुर्वेदी ने उपचुनाव में जीत हासिल कर ली। वर्ष 2018 के चुनाव में गहरवार की फिर वापसी हुई और तमाम कयासों को दरकिनार करते हुए उन्हें भाजपा ने प्रत्याशी बनाया लेकिन अपने तीसरे चुनाव में गहरवार दूसरी बार भी हार गए। उन्हें कांग्रेस के नीलांशु चतुर्वेदी ने 10 हजार से 198 वोटों से हराया।

इस बार भी अटकलें लगाई जा रही थीं कि भाजपा चित्रकूट सीट पर चेहरा बदलेगी लेकिन चौथी बार भी पार्टी ने गहरवार को प्रत्याशी घोषित किया है। यहां से भाजपा के टिकट के लिए युवा चेहरा सुभाष शर्मा डोली, शंकरदयाल त्रिपाठी,चन्द्रकमल त्रिपाठी भी टिकट के दावेदार थे लेकिन गहरवार ने सभी को पीछे छोड़ दिया।

रह चुके हैं भाजपा जिलाध्यक्ष

चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र के ग्राम हिनौता निवासी भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह गहरवार सतना जिला पंचायत के उपाध्यक्ष रह चुके हैं। तत्कालीन जिला पंचायत अध्यक्ष गणेश सिंह के सांसद बनने पर उन्होंने कार्यवाहक जिला पंचायत अध्यक्ष के दायित्व का भी निर्वहन कुछ समय तक किया।

स्नातकोत्तर एवं विधि स्नातक (एलएलबी) की डिग्री हासिल कर चुके गहरवार को भाजपा सतना का जिलाध्यक्ष भी बनाया गया। उन्होंने संगठनात्मक कामकाज बखूबी संभाला। अपने विधायकी के कार्यकाल में उन्होंने चित्रकूट क्षेत्र में जल संरचनाओ के सुधार तथा शिक्षा की बेहतरी के लिए भी प्रयास किये। चुनावो में हार के बाद भी क्षेत्र में सक्रियता और जनसंवाद का सिलसिला उन्होंने जारी रखा।

आसान नहीं है राह

भाजपा के लिए चित्रकूट क्षेत्र में चुनावी जीत की राह आसान नहीं है। बीते 20 वर्षो में सिर्फ एक बार और वह भी पहली बार 2008 मे यहां भाजपा को जीत सुरेंद्र सिंह गहरवार ने ही दिलाई थी। उसके पूर्व 2003 में चली बदलाव की बयार के बावजूद इस सीट पर तब के सतना सांसद रामानंद सिंह भाजपा के टिकट पर बुरी तरह पराजित हुए थे। जानकारों की मानें तो इस बार भी फिलहाल तो भाजपा यहां अच्छी स्थिति में नजर नहीं आ रही है। गहरवार को लेकर लोगों में नाराजगी भी रही है।

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