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उज्जैन30 मिनट पहले
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रेलवे स्टेशन में इस तरह से गंदगी के ढेर जगह-जगह देखे जा सकते हैं।
शहर में रोज लाखों की संख्या में यात्री आते और जाते हैं। इसके चलते रेलवे स्टेशन पर भीड़ आम बात है, पर परेशानी सफर करने वाले नहीं बल्कि ट्रेन का इंतजार करने वाले यात्रियों के कारण बढ़ रही है। रोज आ रहे यात्रियों के लिए वेटिंग एरिया छोटा पड़ता है। लोग ट्रेन का इंतजार करते हुए बीच टिकट हॉल और प्लेटफार्म पर ही सोते रहते हैं। इसके कारण प्लेटफार्म और भर जाता है और आने वाले यात्री को आगे निकलने में बहुत समय लगता है। साथ ही स्टेशन पर डस्टबिन होने के बावजूद कचरा इधर-उधर फैला रहता है।
स्टेशन से बाहर निकलते ही बड़ा सा मैदान डंपिंग यार्ड बन चुका है, जो बाहर से आने वाले यात्रियाें के सामने हमारी सफाई व्यवस्था पर सवाल उठाता है। उज्जैन घूमने आने वाले श्रद्धालुओं को सबसे पहले रेलवे स्टेशन के ही दर्शन होते हैं लेकिन जैसे वे देखते हैं तो उन्हें चारों तरफ कचरा और थूका हुआ गुटका नजर आता है। स्टेशन और आसपास के क्षेत्र में सफाई की जाती है पर लगातार बढ़ रही भीड़ के कारण गंदगी में भी इजाफा हो रहा है।
स्टेशन के बाहर के मैदान में पूरी तरफ कचरा फैला हुआ है, जहां इतने बढ़े क्षेत्र में सफाई के लिए एक ही कर्मचारी काम पर लगा था। आसपास काेई डस्टबिन भी नहीं था जिसमें कचरा इकट्ठा किया जा सके। स्वच्छ भारत की तरफ आगे बढ़ते हुए यह बढ़ रही गंदगी कहीं न कहीं पर्यटकों के सामने हमारे शहर की छवि खराब करने का काम कर रही है। इस पर समय रहते कार्य होना जरूरी है।
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