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उज्जैन23 मिनट पहले
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श्री महाकालेश्वर मंदिर से श्रावण-भादो महिने में निकलने वाली महाकाल की पांचवी सवारी में भगवान महाकाल का पांचवा स्वरूप डोल रथ पर होल्कर स्टेट का मुखारविंद शामिल होगा। प्रशासन ने सवारी निकलने के दौरान व्यवस्थाएं निर्धारित की है। जिससे सवारी भ्रमण के दौरान कोई परेशानी नही हो। कारण है कि भगवान महाकाल की प्रत्येक सवारी के दौरान देशभर के श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती जा रही है।
श्री महाकालेश्वर मंदिर से सोमवार 7 अगस्त को शाम चार बजे बाबा महाकाल की पांचवी सवारी निकलेगी। सवारी में चांदी की पालकी में चंद्रमौलिश्वर और हाथी पर मनमहेश की प्रतिमा, गरूड़ पर सवार भगवान शिव तांडव की प्रतिमा के साथ नंदी रथ पर उमा महेश और डोल रथ पर होल्कर स्टेट का मुखारविंद शामिल होगें। सवारी निकलने से पहले महाकालेश्वर मंदिर स्थित सभा मंडप में विधिवत भगवान का पूजन-अर्चन किया जाएगा। महाकाल मंदिर से शाम चार बजे शाही ठाठ-बाट के साथ भगवान महाकाल की सवारी शुरू होगी। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवान पालकी में सवार राजा महाकाल को गार्ड ऑफ ऑनर देगें। इसके बाद सवारी आगे बढ़ेगी। सवारी मंदिर से प्रारंभ होकर कोट मोहल्ला, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंचेगी। यहां शिप्रा जल से भगवान महाकाल का अभिषेक कर पूजा अर्चना की जाएगी। पूजन के बाद सवारी परंपरागत मार्ग से होते हुए पुन: महाकाल मंदिर पहुंचेगी।

इस बार पालकी समय पर पहुंचाने की तैयारी-
भगवान महाकाल की पांचवी सवारी की व्यवस्थाओं को और चुस्त-दुरूस्थ किया जाएगा। कारण है कि पहली सवारी से प्रारंभ से पिछले सप्ताह निकली चौथी सवारी भी नगर भ्रमण के बाद वापस मंदिर में देरी से पहुंची थी। जिसकेे कारण मंदिर की आरती में भी देरी होती है। पांचवी सवारी में प्रशासन का प्रयास है कि भगवान की पालकी आगे रखकर वापसी में सवारी को समय पर पहुंचाया जाए। वहीं सभामंडप में होने वाली भीड़ को लेकर भी व्यवस्थाएं की जाएगी।
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