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गुना35 मिनट पहले
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जिले में एक रोचक राजनैतिक घटनाक्रम सामने आया है। भाजपा के एक विधायक के प्रतिनिधि ने अपने पद से इस्तीफा दिया है। यह इस्तीफा उन्होंने विधायक को ही दिया। टिकट की दावेदारी करते हुए प्रतिनिधि ने इस्तीफा दे दिया। विधायक ने इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया। प्रतिनिधि का इस्तीफा शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस्तीफे में उन्होंने विधायक से माफी भी मांगी है। उन्होंने लिखा कि अगर जाने-अनजाने में कोई गलती हुई हो तो बालक समझकर क्षमा कर दें।
दरअसल, गोपीलाल जाटव गुना विधानसभा से विधायक हैं। वह पांच बार के विधायक हैं। दो जिलों की तीन अलग-अलग विधानसभा से वह विधायक रह चुके हैं। राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के मामले में भी वह चर्चा में रह चुके हैं। उन्होंने नारायण पंत निवासी विश्वकर्मा कॉलोनी वार्ड क्रमांक 7 को अपना विधायक प्रतिनिधि नियुक्त किया था। वह आदिम जाति कल्याण विभाग में विधायक प्रतिनिधि थे। वर्ष 2019 में उन्हें विधायक प्रतिनिधि नियुक्त किया गया था।
शुक्रवार को नारायण पंत ने विधायक को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इस्तीफे में नारायण पंत ने लिखा कि “मैं नारायण पंत पुत्र स्वर्गीय श्री बाबूलाल पंत निवासी ईदगाह रोड विश्वकर्मा कॉलोनी वार्ड 7 गुना। मुझे आप के पत्र आदेशानुसार आरक्षित अनुसूचित विधानसभा क्रमांक 29 से आदिम जाति कल्याण विभाग का दिनांक 06/08/2019 को विधायक प्रतिनिधि नियुक्त किया गया था। अब मैं भी आरक्षित अनुसूचित विधानसभा क्रमांक 29 भाजपा से टिकट मांग रहा हूं। इसलिए मैं अपनी स्वेच्छा से विधायक प्रतिनिधि के पद से इस्तीफा दे रहा हूं। अतः सम्माननीय गुना के लोकप्रिय विधायक जी से अनुरोध करता हूं कि मेरा इस्तीफा स्वीकार करें। यही निवेदन के साथ आपका बहुत बहुत आभारी हूं। मुझसे जाने अनजाने में कोई गलती बनी हो तो उसके लिए अपना बालक समझकर क्षमा करें।”
विधायक ने इस्तीफा किया स्वीकार
नारायण पंत ने बताया कि इस सीट से 30 लोग टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। वह खुद भी चुनाव लड़ना चाहते हैं। अगर वे प्रतिनिधि रहे तो वह टिकट नहीं मांग पाएंगे। इसलिए उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। नारायण पंत के इस्तीफा देते ही विधायक गोपीलाल जाटव ने इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया। विधायक ने कहा कि नारायण पंत ने इस्तीफा दिया है। मैं इसे स्वीकार करता हूँ।
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