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मानसून प्रदेश के अधिकांश स्थानों को तरबतर कर रहा है। मानसून की लगातार सक्रियता बनी हुई है। कई वेदर सिस्टम असर डाल रहे हैं। 25 जुलाई से मप्र के अधिकतर जिलों में भारी वर्षा होने के आसार हैं। वर्षा का सिलसिला तीन-चार दिन तक बना भी रह सकता है।
कई जगह मुसीबत
लगातार बारिश से नर्मदा भी पूरे वेग से बह रही है, कई इलाकों में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। प्रशासन लगातार नजर बनाए हुए है। शनिवार दोपहर बुरहानपुर में ताप्ती नदी खतरे के निशान पर पहुंच गई। पानी लगातार बढ़ रहा है। जिले के जसौंदी गांव में 12 से ज्यादा कच्चे मकान गिर गए। नेपानगर के अंबाड़ा गांव में 150 से ज्यादा घरों में बारिश का पानी घुस गया। उज्जैन में शिप्रा और गंभीर नदियां उफना गई हैं। शुक्रवार देर रात भारी बारिश के बीच महाकाल मंदिर के गणेश और नंदी मंडपम में पानी भर गया। शयन आरती के दौरान मंदिर में पानी झरने की तरह बहा। हरदा में अजनाल नदी उफनाने से खंडवा स्टेट हाईवे बंद हो गया। 8 घंटे बाद पुल से पानी उतरने पर हाईवे पर ट्रैफिक शुरू हुआ। हरदा शहर के जत्रा पड़ाव इलाके में घरों में पानी भर गया। इंदौर में शनिवार को बारिश हुई।
बिजली से नाबालिग की मौत, 7 लोग झुलसे
कटनी जिले के कुठला थाना क्षेत्र में बिजली गिरने से एक नाबालिग की मौत हो गई, जबकि सात लोग झुलस गए। खड़ोला गांव निवासी सरदार सिंह, रुकमणी सिंह और राज सिंह सहित सात लोग खेत में रोपा लगा रहे थे। इसी दौरान तेज बारिश होने लगी। सभी खेत में बनी झोपड़ी में चले गए। इसी बीच झोपड़ी पर आकाशीय बिजली गिर गई। इसकी चपेट में आकर राज सिंह (17) की मौके पर मौत हो गई। घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें से सरदार सिंह की हालत गंभीर बताई जा रही है।
दमोह में सास-बहू झुलसी
मानसूनी बारिश के साथ आकाशीय बिजली का कहर लगातार बढ़ रहा है। दमोह केसरिया गढ़ में एक ऐसे ही हादसा सामने आया जहां खेत में अचानक आकाशीय बिजली गिर गई। जिससे सास बहू बुरी तरह से झुलस गई, वहीं तीन बकरियों की मौत हो गई। घटना के बाद घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस के मुताबिक दीपिका बट्टी अपनी सास भुटटो बट्टी के साथ अपने ही खेत में काम कर रही थी इस दौरान बारिश आते समय वह खेत में बने मकान में जाकर छिप गई वहां बने पेड़ पर अचानक आकाशी बिजली गिर गई जिससे दोनों बुरी तरह से झुलस गई वहीं पेड़ के नीचे बंधी तीन बकरियो की इस आकाशीय बिजली की चपेट में आने से मौत हो गई। झुलसी सास बहू को तत्काल शासकीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
प्रदेश हुआ तरबतर
मौसम केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार बीते 24 घंटों के दौरान प्रदेश के नर्मदापुरम, इंदौर, जबलपुर, भोपाल व उज्जैन संभाग के जिलों में अधिकांश स्थानों पर, रीवा, शहडोल संभागों के जिलों में अनेक स्थानों पर, सागर संभागों के जिलों में कुछ स्थानों पर वर्षा दर्ज की गई। इस दौरान टोंकखुर्ज, झार्डा में 120, हरदा में 110, माकडौन, खाचरौद, आलोट, सौसर में 100, सोनकच्छ, महिदपुर, देपालपुर, भीमपुर में 90, बुधनी, टिमरनी, जावरा, नागदा, नेपानगर, घट्टिया, बड़ौद में 80, वारासिवनी, जावर, आगर, खिरकिया, मल्हारगड़, सीहोर, तराना, उज्जैन में 70, मोहखेड़ा, तिरोड़ी, पांढुर्ना, बरघाट, नया हरसूद, खंडवा, खकनार, प्रभात पट्टन, पीथमपुर, पंधाना, शामगढ़, नर्मदापुरम, मुलताई में 60 मिलीमीटर तक बारिश हुई है।
कई जिलों में होगी बारिश
अगले 24 घंटों का पूर्वानुमान बता रहा है कि भोपाल, नर्मदापुरम, उज्जैन संभाग के जिलों में, गुना, अशोकनदर जिले में अधिकांश स्थानों पर, जबलपुर, इंदौर संभाग के जिलों में, दमोह, सागर, शिवपुरी, श्योपुर जिले में अनेक स्थानों पर, शहडोल संभाग के जिलों के साथ पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी जिलों में कुछ स्थानों पर, रीवा संभाग के जिलों के साथ ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना जिलों में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं।
चार जिलों में अतिभारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग की तरफ से जारी ऑरेंज अलर्ट बता रहा है कि छिंदवाड़ा, बैतूल, बुरहानपुर, रतलाम जिलों में कहीं-कहीं अतिभारी बारिश हो सकती है। वहीं बालाघाट, सीहोर, हरदा, खंडवा, खरगोन,इंदौर, उज्जैन जिलों में भारी बारिश का अनुमान है। यलो अलर्ट बता रहा है कि कटनी, जबलपुर, मंडला, दमोह, विदिशा, रायसेन, भोपाल, नर्मदापुरम, बड़वानी, झाबुआ, इंदौर, शाजापुर, आगर, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोकनगर जिलों में कहीं भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
25 जुलाई को तेज होगी बारिश
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार मध्यप्रदेश के मौसम पर कई वेदर सिस्टम असर डाल रहे हैं। मानसून द्रोणिका जैसलमेर, कोटा, इंदौर, नागपुर से कम दबाव के क्षेत्र से होकर बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है। दक्षिणी ओडिशा एवं उत्तरी आंध्र प्रदेश पर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। यह पश्चिम, उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ रहा है। छत्तीसगढ़ के दक्षिणी भाग पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इन मौसम प्रणालियों के असर से रुक-रुककर वर्षा हो रही है। हालांकि कम दबाव के क्षेत्र के आगे बढ़ने की रफ्तार काफी मंद होने की वजह से अपेक्षाकृत नमी नहीं मिल रही है। इस वजह से अधिकतर स्थानों पर गरज-चमक के साथ ही तेज बौछारें पड़ रही हैं। 24 जुलाई को बंगाल की खाड़ी में एक नया कम दबाव का क्षेत्र बनने के संकेत मिले हैं। उसके प्रभाव से 25 जुलाई से मप्र के अधिकतर जिलों में भारी वर्षा होने के आसार हैं। वर्षा का सिलसिला तीन-चार दिन तक बना भी रह सकता है।
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