छतरपुर. महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में चतुर्थ श्रेणी के पदो पर भर्ती को लेकर राजनगर विधायक कुंवर विक्रम सिंह नातीराजा ने विधानसभा प्रश्न लगाया है। नातीराजा द्वारा नियम विरुद्ध की गई भर्ती को लेकर तारांकित प्रश्न लगाया है, जिसके संदर्भ में 13 जुलाई को सदन में उत्तर आएगा। नातीराजा ने पूछा है कि महाराजा छत्रसाल बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय छतरपुर में 20 अप्रेल 2023 द्वारा प्रभारी स्थानीय व्यवस्था हेतु पदस्थ कुल सचिव द्वारा जारी किए गए आदेश की नियुक्ति जो नियम विरुद्ध है, उन्हें निरस्त कर कुलसचिव के विरुद्ध कार्यवाही कब तक की जाएगी? यदि नहीं तो क्यों ? क्या कुलपति के सेवानिवृत्त होने के एक दिन पूर्व व्यापक भ्रष्टाचार करते हुए नियम विरूद्ध उक्त नियुक्तियां की गई है? यदि हां तो नियोक्ता को कब तक निलम्बित कर उच्चस्तरीय जांच की जाएगी? क्या विगत 3 वर्षों से विश्वविद्यालय में स्टेशनरी, कम्प्यूटरीकरण एवं विभिन्न मदों की खरीदी नियम विरुद्ध की गई है? दोषियों से राशि की वसूली कब तक की जाएगी?इधर कुलपति शुभा तिवारी ने एमसीबीयू के प्रभारी परीक्षा नियंत्रक डॉ बहादुर सिंह परमार को परीक्षा नियंत्रक पद से हटा दिया है। वहीं, डॉ.ममता वाजपेयी को वर्तमान दायित्वों के साथ प्रभारी परीक्षा नियंत्रक का अतिरिक्त पद आगामी आदेश तक दिया गया है।गौरतलब है कि महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, छतरपुर में हाल में ही कुलपति का कार्यकाल समाप्त के एक दिन पूर्व कुलपति प्रो टीआर थापक तथा रजिस्ट्रार डॉ. एसडी चतुर्वेदी के निर्देशन में 18 जून 23 रविवार को भृत्य-चौकीदार के 16 पदों के लिए ओएमआर शीट पर हुई। पात्रता परीक्षा के परिणाम एक दिन बाद ही सोमवार 19 जून को त्वरित गति से घोषित कर दिए गए थे। इतने अल्प समय में 1548 उम्मीदवारों की पात्रता परीक्षा के रिजल्ट घोषित होने और 2 जून को मुख्यमंत्री के आगमन पर वायरल हुए पत्र में जिन अभ्यर्थियों का चयन सूची में नाम था उन्हीं अभर्थियों का मेरिट लिस्ट में आने से, एक ही परिवार के चार सदस्यों का मेरिट में आने से पूरी भर्ती प्रक्रिया को संदेह के घेरे में ला दिया।