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ऋण मुक्तेश्वर मंदिर में पूजन के नाम पर ठगी
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
इन दिनों धर्म नगरी उज्जैन के प्रसिद्ध मंदिरों के नाम पर लोगों से ठगी करने वाला गिरोह सक्रिय है, जो कि पहले लोगों को उनकी समस्त प्रकार की समस्या का हल यानी कि पूजन और उसका स्थान बताता है और उसके बाद पूजन को ऑनलाइन करने के नाम पर भोले भाले लोगों से 2100, 3100 और 5100 तक की ठगी कर देता है। भोले भाले श्रद्धालु कष्टों के निवारण के लिए इन लोगों की बातों में आकर बताई गई लिंक व अन्य साधनों से पेमेंट कर देते हैं, लेकिन उन्हें यह पता ही नहीं कि जिन मंदिरों में ऑनलाइन पूजा के नाम पर यह राशि ली जा रही है वहां ऑनलाइन पूजा होती ही नहीं है।
महाकाल मंदिर, मंगलनाथ और मां हरसिद्धि के बाद सोशल मीडिया के माध्यम से देशभर के श्रद्धालुओं को पूजा के नाम पर ठगने के बाद अब सोशल साइट और फेसबुक के माध्यम से उज्जैन के प्राचीन ऋणमुक्तेश्वर महादेव पर लोगो को ऑनलाइन ऋण मुक्ती की पूजा का मायाजाल फैलाया जा रहा है। जिसमें यह दावा किया जा रहा है कि आपके ऊपर होने वाला हर ऋण कर्ज पूजा के बाद समाप्त हो जाएगा। बताया जा रहा है कि इस पूजन के लिए सोशल मीडिया अकाउंट पर ऑनलाइन ही एक फार्म भरने के लिए भी कहा जा रहा है, जिसके लिए पहले व्यक्ति से राशि ली जाती है और फिर पूजा कराने से पहले ही 2100, 3100 या 5100 रुपये ऑनलाइन लेने के बाद कोई पूजा नहीं कराई जाती। जबकि ऋण मुक्तेश्वर महादेव मंदिर पर इस तरह की ऑनलाइन पूजा कराने का या ऑनलाइन बुकिंग का कोई प्रावधान नहीं है। प्राचीन ऋण मुक्तेश्वर मंदिर पर ऋण मुक्त होने के लिए पूजा पंडितों द्वारा विधि विधान से कराई जाती है, जिसकी एक विधि है और जिसे मंदिर के अधिकृत पुजारियों द्वारा ही कराया जाता है। ऋण मुक्तेश्वर महादेव मंदिर पर ऑनलाइन सोशल साइट के माध्यम से चल रहे इस पूजा का कोई संबंध उज्जैन के ऋणमुक्तेश्वर मंदिर से नहीं है। देशभर के लोग इस तरह की सोशल साइट्स को देखकर श्रद्धा के नाम पर धोखाधड़ी का शिकार हो रहे हैं।
मंदिर में पीली पूजा का है विशेष महत्व
ऋणमुक्तेश्वर महादेव मंदिर में पंडितों-पुरोहितों द्वारा शनिवार को एक विशेष पूजा कराई जाती है। इस पूजा को पीली पूजा के नाम से जाना जाता है। इस पूजा को करने से व्यक्ति जल्द ही सभी प्रकार के कर्ज से मुक्त हो जाता है। पीली पूजा में सिर्फ पीली ही सामग्री का इस्तेमाल होता है। जैसे पीले वस्त्र, चने की दाल, मसूर की दाल, हल्दी की गांठ, पीले फूल और गुड़ इन सभी वस्तुओं को अपनी मनोकामना के साथ बांधकर जलाधारी में अर्पित करना होता है।
हर मंदिर की अलग मान्यता इसी का फायदा उठा रहे ठगोरे
उज्जैन एक प्राचीन नगरी है, जहां बाबा महाकाल के मंदिर के साथ ही पुराने शहर में अनेक ऐसे मंदिर हैं जिन पर पूजन करने से हर तरह की समस्या चिंता और परेशानी से मुक्ति मिलती है। मंगलनाथ मंदिर और अंगारेश्वर मंदिर पर मंगलदोष निवारण की पूजा की जाती है। सिद्धवट क्षेत्र पर पितृदोष और कालसर्प दोष से संबंधित पूजा की जाती है। लेकिन आजकल फर्जी रूप से सोशल साइड और फेसबुक के माध्यम से कई लोगों ने फ्रॉड अकाउंट बनाकर उज्जैन के प्राचीन मंदिरों की महिमा का वर्णन कर और दुखों के निवारण डालकर पूजा के नाम पर देशभर के लोगों को ठगने का काम शुरू कर दिया है। इसी तरह के ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले ठगोरों ने महाकाल मंदिर, मंगलनाथ मंदिर और माँ हरसिद्धि के दरबार में होने वाली पूजा के नाम पर कई श्रद्धालुओं से लाखों रुपये ठग लिए हैं। जिसकी शिकायत उज्जैन साइबर पुलिस को भी दी गई है जिसमें साइबर सेल द्वारा जांच भी की जा रही है।
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